अखबार में नाम छपवाने के जुनून ने स्मृति मंधाना को बना दिया भारत की स्टार क्रिकेटर
नई दिल्ली: क्रिकेट के खेल को लोग भारत में धर्म की तरह मानते है. भारत में शायद ही ऐसा कोई वक्त रहा है जब लोगों के सिर से क्रिकेट का जुनून कम हुआ हो. लेकिन इसी क्रिकेट का एक दूसरा हिस्सा है जिससे ज्यादातर क्रिकेट फैंस भी नावाकिफ हैं.
क्रिकेट का ये दूसरा हिस्सा है महिला क्रिकेट का. ऐसा नहीं है कि महिला क्रिकेटर्स में प्रतिभा की कमी है. भारत के पुरुष क्रिकेटर्स की तरह महिला क्रिकेट खिलाड़ी भी पुरी दुनिया में अपने हुनर का लोहा मनवा रही हैं. यही वजह है कि इंग्लैंड में हो रहे महिला विश्व कप में महिला क्रिकेटरों ने अपने शानदार खेल से पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
इन्हीं महिला क्रिकेटर्स में एक हैं भारत की ओपनिंग बल्लेबाज स्मृति मंधाना. स्मृति की अटैकिंग बल्लेबाजी और तकनिक को देखकर लोग उनकी तुलना वीरेंद्र सहवाग और रोहित शर्मा से भी लगे हैं. स्मृति मंधाना तब सुर्खियों में आईं थी जब वे विश्व कप के दूसरे मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार 106 रनों की पारी खेल कर टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम सेमीफाइनल तक का सफर तय कर चुकी है अब सेमीफाइनल में उसका सामना 6 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से है. भारतीय टीम आखिरी बार 12 साल पहले विश्व कप के फाइनल में जगह बनाने में कामयाब हुई थी. ऐसे में से स्मृति मंधाना के उपर दामोदार होगा कि वे अपनी बल्लेबाजी से टीम को फाइनल में पहुंचाएं. भारतीय टीम अगर सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को मात दे देती है तो उसका सामना 23 जुलाई को फाइनल में इंग्लैंड से होगा.
कौन हैं स्मृति मंधाना ?
स्मृति का पूरा नाम स्मृति श्रीनिवास मंधाना है. स्मृति का जन्म 18 जुलाई 1996 को मुंबई में हुआ लेकिन बचपन में ही उनका परिवार महाराष्ट्र के सांगली चला गया. हालांकि उनका बचपन का अधिकतर समय मुंबई में ही बिता.
क्रिकेट की शुरुआत
स्मृति का झुकाव बचपन से ही खेल के प्रति रहा. स्मृति पढ़ाई के बाद खेल के लिए किसी ना किसी तरह से समय निकाल ही लेती थीं. ईएसपीएन के साथ एक इंटरव्यू में स्मृति ने कहा था, “मैं सुबह प्रैक्टिस करने के बाद स्कूल जाती थी, फिर वापस आकर शाम को भी नेट में प्रैक्टिस करती थी. प्रैक्टिस के लिए टीचर मुझे कभी-कभी जल्दी जाने देते थे तो मैं शाम को प्रैक्टिस खत्म करके घर जाकर टीवी भी देखा करती थी.”
क्रिकेट के प्रति जुनून
स्मृति ने एक इंटव्यू में कहा था कि उन्हें बचपने से अखबार में अपना नाम छपवाने का बड़ा शौक था. स्मृति को यह पता था कि अगर अखबार में नाम छपवाने का कोई जरिया है तो वो है क्रिकेट. फिर क्या था स्मृति ने क्रिकेट को अपना जुनून बना लिया और आज पूरी दुनिया स्मृति के बल्लेबाजी की कायल है.
राहुल द्रविड़ ने जब स्मृति को गिफ्ट किया बल्ला
17 साल की उम्र में वेस्ट जोन के लिए खेलते हुए स्मृति ने अंडर-19 में दोहरा शतक जड़ कर तहलका मचा दिया था. स्मृति ने 150 गेंदो में नाबाद 224 रनों की पारी खेली थी. स्मृति की इस पारी को देखकर इंडियन क्रिकेट के 'द वॉल' कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ इतना प्रभावित हुए ने उन्हें एक बल्ला भेंट किया था.
स्मृति का क्रिकेटिंग करियर
स्मृति मंधना ने इंटरनेशल क्रिकेट में बांग्लादेश के खिलाफ साल 2013 में अपना पहला इंटरनेशनल वनडे और टी-20 मैच खेला. टेस्ट में स्मृति ने साल 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया. स्मृति अबतक 2 टेस्ट 30 वनडे और 27 टी-20 मैच खेल चुकी हैं.
टेस्ट मैच में स्मृति ने 43.54 की स्ट्राइक रेट से 81 रन बनाए हैं जिनमें से उनका सर्वोच्च स्कोर 51 रहा है. वहीं वनडे में स्मृति ने 76.80 की स्ट्राइक रेट के साथ 927 रन बनाए हैं जिनमें 2 शतक और 6 अर्द्धशतक शामिल है. टी-20 में स्मृति ने 96.58 की स्ट्राइक रेट से 424 रन बनाए हैं जिसमें एक अर्द्धशतक भी शामिल है.
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets