141 गेंदों में 314 रनों की ताबड़तोड़ पारी, 50 ओवर के क्रिकेट में इस खिलाड़ी ने ट्रिपल सेंचुरी लगाकर मचाया कोहराम
Harjas Singh Triple Century: हरजस सिंह का परिवार चंडीगढ़ का रहने वाला है. उन्होंने 50 ओवरों के क्रिकेट में ट्रिपल सेंचुरी जड़कर तहलका मचा दिया है. उन्होंने भारत के खिलाफ फाइनल में भी धांसू पारी खेली थी.

भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हरजस सिंह ने 50 ओवरों के क्रिकेट में ट्रिपल सेंचुरी लगाकर तहलका मचा दिया. उन्होंने 141 गेंदों में 314 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली, जिसमें 35 छक्के भी जड़े. पिछले साल हरजस ने भारत के खिलाफ अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल में धांसू पारी खेली थी, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 79 रनों से हराया था. हरजस एकमात्र बल्लेबाज थे, जिसने उस खिताबी मुकाबले में अर्धशतक जड़ा था.
हरजस सिंह ने अब ऑस्ट्रेलिया में घरेलू ग्रेड क्रिकेट में ये ताबड़तोड़ पारी खेली. जो भी गेंदबाज उनके सामने आया, उन्होंने उसकी जमकर कुटाई की. हरजस ने वेस्टर्न सबर्ब्स क्लब के लिए खेलते हुए सिडनी क्रिकेट क्लब के खिलाफ यह ऐतिहासिक पारी खेली.
50 ओवरों के फॉर्मेट में पहली ट्रिपल सेंचुरी
ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स प्रीमियर फर्स्ट-ग्रेड क्रिकेट में ट्रिपल सेंचुरी लगाने हरजस सिंह सिर्फ तीसरे खिलाड़ी हैं. उनसे पहले फिल जैक्स (321) और महान विक्टर ट्रंपर (335) ऐसा कर चुके हैं. लेकिन बड़ी बात ये हैं कि हरजस ने ये ट्रिपल सेंचुरी 50 ओवरों के फॉर्मेट में लगाई. ये 50 वो के क्रिकेट में इतिहास की पहली ट्रिपल सेंचुरी है.
चंडीगढ़ के रहने वाले हैं माता-पिता
हरजस सिंह का जन्म सिडनी में हुआ, लेकिन उनकी जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं. उनके माता-पिता मूल रूप से चंडीगढ़ के रहने वाले हैं और साल 2000 में भारत से ऑस्ट्रेलिया जाकर बस गए थे. बता दें कि उनके पिता इंद्रजीत सिंह एक स्टेट लेवल बॉक्सिंग चैंपियन रह चुके हैं, जबकि उनकी मां स्टेट लॉन्ग जंपर रही हैं. हरजस ने क्रिकेट को अपना करियर चुना, वह 8 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहे हैं.
भारत से छीनी थी ट्रॉफी !
भारत के खिलाफ हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में हरजस सिंह ने 64 गेंदों में 55 रनों की पारी खेली थी. इस पारी में उन्होंने 3 छक्के और इतने ही चौके लगाए थे. उनके आलावा इस फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का और भारत का कोई भी प्लेयर अर्धशतक नहीं लगा पाया था. ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच को 79 रनों से जीतकर ट्रॉफी अपने नाम की थी.
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