टीम इंडिया के हेड कोच, बैटिंग कोच, बॉलिंग कोच और फिजियो को कितनी सैलरी मिलती है? एक क्लिक में जानें
BCCI Players Salary List: भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों को चार अलग-अलग कैटेगरी के तहत तंख्वाह मिलती है. इसके अलावा जानिए कोच और फिजियो को कितने रुपये मिलते हैं.

Team India Players and Coach Salary: भारत की गली-गली में गजब का क्रिकेट टैलेंट भरा पड़ा है. इसी कारण यहां क्रिकेट के खेल में कम्पटीशन का स्तर भी बहुत ऊंचा है. इसलिए जो भी खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए खेल पाता है, वो बहुत परिपक्व होकर इस मुकाम तक पहुंचता है. भारतीय टीम के प्रदर्शन में कोचिंग स्टाफ का रोल बेहद अहम होता है, वहीं खिलाड़ियों को फिट रखने का भार फिजियोथेरेपिस्ट पर होता है. हेड कोच को भी टीम के अंदर अच्छा वातावरण बनाने और प्रदर्शन को बेहतर करने का प्रयास करना होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन सबको तंख्वाह कितनी मिलती है? इस सवाल का जवाब आपको यहां मिलेगा.
सबसे पहले खिलाड़ियों की बात करें तो BCCI ने अपनी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट सूची को चार भागों में बांटा हुआ है. ग्रेड A+ में आने वाले खिलाड़ियों को सालाना 7 करोड़ रुपये की सैलरी मिलती है. वहीं ग्रेड A के अंतर्गत आने वाले प्लेयर्स को एक साल में 5 करोड़ रुपये मिलते हैं. ग्रेड B वाले क्रिकेटरों को सालाना 3 करोड़ और ग्रेड C के खिलाड़ियों को एक साल में 1 करोड़ रुपये की तंख्वाह मिलती है.
अब बात कर लेते हैं हेड कोच की. भारतीय टीम के हेड कोच अभी गौतम गंभीर हैं, जिन्होंने पिछले वर्ष टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद हेड कोच का पदभार संभाला था. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार गंभीर को सालाना करीब 12 करोड़ रुपये की तंख्वाह मिल रही है. खबरों की मानें तो अन्य कोचिंग स्टाफ को साल में 3-4 करोड़ रुपये की तंख्वाह मिलती है. इनमें गेंदबाजी कोच, बल्लेबाजी कोच और अन्य सहायक कोच भी सम्मिलित होते हैं.
डॉक्टर अली ईरानी 1980 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम के फिजियोथेरेपिस्ट रहे थे. उन्होंने कुछ समय पूर्व एक पॉडकास्ट पर खुलासा किया था कि प्रत्येक मैच के लिए उन्हें करीब डेढ़ लाख रुपये मिलते थे. वहीं मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट टीम के फिजियो की तंख्वाह 6-12 लाख रुपये तक हो सकती है. उनकी सैलरी अनुभव के आधार पर कम या ज्यादा हो सकती है.
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Source: IOCL



















