Afghanistan: बच सकता है इस देश की पूर्ण सदस्यता का अधिकार, ICC की अगली मीटिंग में लिया जाएगा फैसला
Afghanistan Cricket: अफगानिस्तान में जिस समय से महिलाओं के क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध लगा है उसके बाद से उनकी आईसीसी में पूर्ण सदस्यता को लगातार खतरे में माना जा रहा है.

Afghanistan Cricket Board: अफगानिस्तान में जबसे तालिबान ने देश की सत्ता को संभाला को है उसके बाद से वहां पर महिलाओं को लेकर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. इसके साथ ही वहां महिलाओं के किसी भी खेल में हिस्सा लेने पर भी रोक है. हालांकि उनके इस फैसले से अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड की आईसीसी में पूर्ण सदस्यता खतरे में नहीं दिखाई दे रही है.
इस पूरे मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की मार्च महीने में दुबई में होने वाली मीटिंग में चर्चा की जाएगी. इस बैठक में आईसीसी वर्किंग ग्रुप में शामिल अफगानिस्तान को अपनी स्थिति के बारे में एशियन क्रिकेट को बताने के लिए कहा जा सकता है.
ईएसपीएन क्रिकइंफो की एक खबर के अनुसार आईसीसी डिप्टी चेयरमैन इमरान ख्वाजा अफगानिस्तान की सदस्यता को उनकी स्थिति को देखते हुए ना छीने जाने का प्रयास करेगा. इसके साथ ही वह अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के संघर्ष को लेकर भी बात कर सकते हैं जो उन्हें अपने देश के हालात में महिला क्रिकेट को लेकर सामना करना पड़ रहा है.
अफगानिस्तान बोर्ड भी कर रहा कोशिश
आईसीसी बोर्ड के सदस्य और वर्किंग ग्रुप के भी सदस्य रॉस मैकोलम ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से इस पूरे मुद्दे पर कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति काफी नाजुक है, अफगान बोर्ड के सदस्य लगातार महिला क्रिकेट को लेकर कोशिश कर रहे हैं लेकिन यह उनके ऊपर नहीं है बल्कि जो इस समय वहां पर सत्ता में उनपर भी काफी कुछ निर्भर करता है. महिलाओं को क्रिकेट खेलने के लिए मजबूर करने से गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं, हमें काफी सावधानी से चलना होगा यह एक धीमी प्रक्रिया है.
बता दें कि अफगानिस्तान को आईसीसी ने साल 2017 में पूर्ण सदस्यता का अधिकार दिया था. तालिबान के सत्ता में आने से पहले अफगानिस्तान ने महिला क्रिकेट में भी काफी मेहनत की थी. एसीबी ने साल 2020 अक्टूबर में राष्ट्रीय टीम के लिए एक कैंप आयोजित करने के साथ 25 महिला खिलाड़ियों को केंद्रीय अनुबंध देने का भी फैसला किया था.
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Source: IOCL


















