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कितने दिन तक चालान नहीं भरने की मिलती है छूट, उसके बाद कितनी लगती है पेनाल्टी?

Traffic Challan Penalty: ट्रैफिक चालान को लेकर लोगों को कन्फ्यूजन रहता है. आखिर कितने दिन तक का होता चालान भरने का टाइम. अगर डेडलाइन मिस हो गई तो एक्स्ट्रा पेनाल्टी कितनी लगेगी. जानें नियम.

Traffic Challan Penalty:  ट्रैफिक चालान को लेकर लोगों को कन्फ्यूजन रहता है. आखिर कितने दिन तक का होता चालान भरने का टाइम. अगर डेडलाइन मिस हो गई तो एक्स्ट्रा पेनाल्टी कितनी लगेगी. जानें नियम.

ट्रैफिक नियम तोड़ने पर चालान कटना आजकल आम हो गया है. कभी हेलमेट न पहनने पर कभी रेड लाइट तोड़ने पर तो कभी गाड़ी के कागज अधूरे होने पर. ऐसे में लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही रहता है कि चालान भरने की समयसीमा कितनी होती है.

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बहुत से लोगों के मन में सवाल होता है कि क्या चालान को तुरंत भरना जरूरी है या फिर इसके लिए कुछ दिन की छूट मिलती है. कई बार लोग समय पर चालान नहीं भर पाते. ऐसे में उन्हें यह डर भी सताता है कि कहीं एक्सट्रा जुर्माना न लग जाए.
बहुत से लोगों के मन में सवाल होता है कि क्या चालान को तुरंत भरना जरूरी है या फिर इसके लिए कुछ दिन की छूट मिलती है. कई बार लोग समय पर चालान नहीं भर पाते. ऐसे में उन्हें यह डर भी सताता है कि कहीं एक्सट्रा जुर्माना न लग जाए.
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लेकिन आपको बता दें ट्रैफिक विभाग ने इस मामले में साफ नियम बनाए हैं. जब भी किसी वाहन चालक पर चालान काटा जाता है तो उसके पास इसे भरने के लिए एक टाइम लिमिट दी जाती है. सामान्य तौर पर चालान जारी होने के 60 दिनों के भीतर का समय मिलता है.
लेकिन आपको बता दें ट्रैफिक विभाग ने इस मामले में साफ नियम बनाए हैं. जब भी किसी वाहन चालक पर चालान काटा जाता है तो उसके पास इसे भरने के लिए एक टाइम लिमिट दी जाती है. सामान्य तौर पर चालान जारी होने के 60 दिनों के भीतर का समय मिलता है.
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अगर कोई व्यक्ति दिए गए समय के भीतर चालान का भुगतान कर देता है. तो उसे केवल उतनी जुर्माना भरना होता है. जितना नियम तोड़ने पर तय किया गया थी. यानी शुरुआत में किसी तरह का एक्सट्रा जुर्माना नहीं देना पड़ता. यही वजह है कि समय पर चालान भरना हमेशा फायदेमंद होता है.
अगर कोई व्यक्ति दिए गए समय के भीतर चालान का भुगतान कर देता है. तो उसे केवल उतनी जुर्माना भरना होता है. जितना नियम तोड़ने पर तय किया गया थी. यानी शुरुआत में किसी तरह का एक्सट्रा जुर्माना नहीं देना पड़ता. यही वजह है कि समय पर चालान भरना हमेशा फायदेमंद होता है.
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लेकिन अगर चालान समय सीमा में जमा नहीं किया जाता तो मामला बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति में चालान की रकम पर पेनल्टी जोड़ दी जाती है. इसका मतलब यह है कि अब आपको तय रकम के अलावा ज्यादा पैसे चुकाने होंगे.
लेकिन अगर चालान समय सीमा में जमा नहीं किया जाता तो मामला बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति में चालान की रकम पर पेनल्टी जोड़ दी जाती है. इसका मतलब यह है कि अब आपको तय रकम के अलावा ज्यादा पैसे चुकाने होंगे.
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कई मामलों में चालान न भरने पर नोटिस भी जारी किया जाता है और कोर्ट तक मामला पहुंच सकता है. अगर बार-बार भुगतान टाला जाता है तो पेनाल्टी और ज्यादा बढ़ सकती है. यहां तक कि वाहन सीज़ करने जैसी कार्रवाई भी हो सकती है.
कई मामलों में चालान न भरने पर नोटिस भी जारी किया जाता है और कोर्ट तक मामला पहुंच सकता है. अगर बार-बार भुगतान टाला जाता है तो पेनाल्टी और ज्यादा बढ़ सकती है. यहां तक कि वाहन सीज़ करने जैसी कार्रवाई भी हो सकती है.
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इसलिए चालान को दिए गए समय में ही भरना सही रहता है. उसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. जितनी जल्दी भुगतान करेंगे उतना बेहतर रहेगा. देर करने पर सिर्फ जुर्माना तो बढ़ेगा ही साथ ही कानूनी परेशानी का खतरा भी बढ़ जाता है.
इसलिए चालान को दिए गए समय में ही भरना सही रहता है. उसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. जितनी जल्दी भुगतान करेंगे उतना बेहतर रहेगा. देर करने पर सिर्फ जुर्माना तो बढ़ेगा ही साथ ही कानूनी परेशानी का खतरा भी बढ़ जाता है.

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