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किस देश के पास है दुनिया की सबसे एडवांस ऑटोमैटिक मिसाइल, जानिए किस टेक्नोलॉजी पर करती है काम
Most Advance Automatic Missile: आज के समय में मिसाइल टेक्नोलॉजी किसी भी देश की सैन्य ताकत का अहम हिस्सा बन चुकी है.
आज के समय में मिसाइल टेक्नोलॉजी किसी भी देश की सैन्य ताकत का अहम हिस्सा बन चुकी है. आधुनिक युद्धों में सिर्फ ताकतवर सेना ही काफी नहीं होती, बल्कि ऐसे हथियार जरूरी हो जाते हैं जो खुद से टारगेट को पहचानकर हमला कर सकें. इसी वजह से कई देश अपनी-अपनी ऑटोमैटिक और स्मार्ट मिसाइल टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं. लेकिन इनमें से कुछ देशों ने इतनी एडवांस मिसाइलें तैयार कर ली हैं जो युद्ध का पूरा चेहरा ही बदल सकती हैं.
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ऑटोमैटिक मिसाइल साधारण मिसाइलों से बिल्कुल अलग होती हैं. इनका सबसे बड़ा फीचर यह है कि इन्हें लॉन्च करने के बाद ज्यादा मानव हस्तक्षेप की जरूरत नहीं पड़ती. ये मिसाइलें अपने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), सेंसर और राडार सिस्टम की मदद से खुद ही टारगेट को लॉक कर सकती हैं. चाहे दुश्मन की लोकेशन बदल जाए या वे मिसाइल को धोखा देने की कोशिश करें यह ऑटोमैटिक सिस्टम दुश्मन को ट्रैक करता रहता है.
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दुनिया में अगर सबसे एडवांस ऑटोमैटिक मिसाइल सिस्टम की बात करें तो अमेरिका का नाम सबसे आगे आता है. अमेरिका ने कई ऐसी मिसाइलें बनाई हैं जो AI और मशीन लर्निंग बेस्ड एल्गोरिद्म पर काम करती हैं. इनमें JASSM (Joint Air-to-Surface Standoff Missile) और Patriot Missile System प्रमुख हैं. JASSM अपने आप टारगेट तक पहुंचने की क्षमता रखती है जबकि Patriot सिस्टम हवा में उड़ रही दुश्मन की मिसाइल या ड्रोन को तुरंत पहचानकर नष्ट कर देता है.
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अमेरिका के बाद रूस ने भी इस क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति की है. रूस की Kinzhal और Zircon हाइपरसोनिक मिसाइलें पूरी तरह से ऑटोमैटिक गाइडेंस सिस्टम से लैस हैं. ये मिसाइलें ध्वनि की गति से कई गुना तेज उड़ सकती हैं और रास्ते में दिशा बदलने में भी सक्षम हैं. इनका मुख्य फायदा यह है कि दुश्मन का राडार इन्हें पकड़ ही नहीं पाता और ये सीधे टारगेट पर जाकर हमला कर देती हैं.
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चीन भी दुनिया की इस मिसाइल रेस में तेजी से आगे बढ़ रहा है. चीन ने हाल ही में कई ऐसी मिसाइलें विकसित की हैं जो पूरी तरह से AI, GPS और उपग्रह-आधारित नेविगेशन सिस्टम पर निर्भर करती हैं. इन मिसाइलों की खासियत है कि ये ग्रुप अटैक भी कर सकती हैं. यानी एक साथ कई मिसाइलें अलग-अलग टारगेट्स को ऑटोमैटिकली हिट कर सकती हैं.
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मिलिट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में मिसाइलें सिर्फ ऑटोमैटिक ही नहीं बल्कि सेल्फ-लर्निंग सिस्टम से लैस होंगी. इसका मतलब यह है कि लॉन्च होने के बाद ये मिसाइलें अपने पिछले अनुभवों और डाटा से सीखकर खुद को और स्मार्ट बना लेंगी. इससे न केवल युद्ध की रणनीतियां बदलेंगी बल्कि देशों की सुरक्षा क्षमता भी कई गुना बढ़ जाएगी.
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दुनिया की सबसे एडवांस ऑटोमैटिक मिसाइल फिलहाल अमेरिका, रूस और चीन के पास हैं. अमेरिका अपनी स्मार्ट AI मिसाइलों के लिए मशहूर है, रूस अपनी हाइपरसोनिक स्पीड मिसाइलों के लिए और चीन अपनी AI और ग्रुप अटैक टेक्नोलॉजी के लिए जाना जाता है.
Published at : 30 Sep 2025 07:40 AM (IST)
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