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आगरा: यमुना में गंदगी का स्तर कई गुना बढ़ा, त्यौहारों के बाद कूड़े का अंबार
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पर्यावरणविद देवाशीष भट्टाचार्या ने कहा कि एक के बाद एक कई त्यौहारों के बीतने के बाद प्रतिमाओं और पूजा सामग्रियों को हटाना जरूरी था, जो जहरीले और प्लास्टिक के होते हैं.
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कार्यकर्ता पद्मिनी अय्यर कहती हैं कि यमुना नदी का सही हालत में रहना ताज महल और नदी के किनारे बनी मुगलों की अन्य कृतियों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है.
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स्वच्छता से जुड़े इस कार्यक्रम के आयोजक युगल किशोर पंडित ने कहा कि जगह-जगह हजारों मूर्तियां बिखरी पड़ी हैं. हम नदी को साफ करने का अपना छोटा सा प्रयास कर रहे हैं.
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देवाशीष भट्टाचार्या ने कहा कि लोग समझते नहीं है कि वे नदियों में सिर्फ प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रहे हैं.
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एतमादुद्दौला व्यू पॉइंट पार्क के पास रविवार को यमुना नदी से कार्यकर्ताओं ने कई टन कचरे और विसर्जित मूर्तियों को निकाला.
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इस गंदग़ी की वजह से आसपास के वातवरण पर भी बुरा असर हो रहा है. यमुना नदी में इस कदर गंदग़ी की वजह से आसपास बीमारियों का ख़तरा भी बढ़ गया है.
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अभी हाल ही में छठ पर्व पर व्रती महिलाओं ने भले ही नदी में उतरकर अर्घ्य दिया लेकिन आचमन किसी ने नहीं किया क्योंकि पानी इतनी बदबूदार था. इसी वजह से वहां पर खड़े हो पाना मुश्किल हो रहा था.
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आगरा में यमुना नदी में गंदगी का स्तर कई गुना बढ़ चुका है. त्यौहारों के बाद तो यमुना में कूड़ों का ढेर लग गया है. दीवाली के बाद स्थिति और गम्भीर हो चुकी है.
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