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भीषण गर्मी के बीच संत जोतनाथ महाराज की तपस्या जारी, सिरोही में खुले मैदान में तप कर रहे संत
Sirohi News: हरियाणा के संत जोतनाथ महाराज सिरोही के पंचमुखी हनुमान मंदिर में अग्नि तपस्या कर रहे हैं. वे 2 मई से 10 जून तक, प्रतिदिन 3 घंटे, पांच धूनी लगाकर तपस्या करते हैं.
जिले से टोकरा रोड पर पंचमुखी हनुमान मंदिर पर हरियाणा के हिसार क्षेत्र के देमण डेरा बाबा कलिगरगिरी से आए संत जोतनाथ महाराज अग्नि के बीच तपस्या कर रहे हैं. पंचमुखी हनुमान मंदिर के खुले मैदान में दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर खुले मैदान में चारों तरफ तप के बीच बैठकर तपस्या शुरू की. वे रोज 3 घंटे तपस्या करते हैं.
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संत की ऐसी तपस्या देखने को लेकर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का आना जाना शुरू हो गया है. मंदिर में सुबह 10 बजे से भक्त पहुंच जाते हैं. महाराज शिष्यों के साथ कंडे लेकर आते हैं और पंच धूना के ऊपर थप्पी लगाते हैं. फिर संत हनुमानजी के दर्शन करने जाते हैं.
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सिरोही को देव नगरी कहा जाता है. क्योंकि इस धरा पर कई ऐतिहासिक मंदिर तपस्वी स्थल आज भी मौजूद है जहां पर संत महात्माओ ने कठोर तपस्या करके सिद्धि को प्राप्त किया. वैसे तो आपने कई तरह के साधु संत व उनकी तपस्या देखी होगी. लेकिन राजस्थान में भीषण गर्मी में अग्नि तपस्या कर रहे साधुओं की साधना आपको चौका देगी.
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प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू की तलेटी पर स्थित टोकरा गांव में हरियाणा के एक साधु अग्नि तप कर रहे हैं. हरियाणा के हिसार स्थित देमण गांव के पास कलीगर मठ के बालयोगी ज्योत नाथ महाराज नौतपा की भीषण गर्मी के बीच अग्नि तपस्या कर रहे है, जिसे पंच धूनी तपस्या कहा जाता है.
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पिछले करीब 20 वर्षों से पंच धूणी तपस्या व जलधारा तपस्या करते आ रहे हैं. माउंट आबू को देवभूमि कहा जाता है. यहां पर पांडवों का अज्ञातवास भी हुआ है. इसके अलावा माउंट आबू से और भी ऐतिहासिक तथ्य जुड़े हुए हैं. माउंट आबू के घने जंगलों में आज भी सैकड़ों साधु संत तपस्या कर रहे हैं. दूसरी ओर टोकरा गांव के हनुमानजी मंदिर में इन दिनों भीषण गर्मी के बीच बाल योगी ज्योत नाथ महाराज के अग्नि तप को क्षेत्र में शांति व अच्छी बरसात की कामना से देखा जा रहा है.
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तपस्या अग्नि तप कर रहे बाल योगी ज्योत नाथ महाराज के भक्त व ग्रामीणों ने बताया कि महाराज ने यहां पर अग्नि तपस्या की शुरुआत 2 मई को की थी. 10 जून को इसका समापन होगा. यहां प्रतिदिन 5 धूनी लगाई जाती है, जिसमें पहले दिन दो कंडे से शुरुआत की थी हर धूनी में प्रतिदिन दो कंडे बढ़ाए जाते हैं. सोमवार (26 मई) को अग्नि तप के 26 वें दिन हर धुनी में 54 - 54 कंडे जलाए जा रहे हैं. वहीं अग्नि तपस्या के अंतिम दिन 10 जून को प्रत्येक धूनी में 82 - 82 कंडे जलाए जाएंगे.
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बता दें कि बालयोगी महाराज कंडों में आग के बीच बैठकर दोपहर 12.30 बजे से दोपहर करीब 3.30 बजे तक तपस्या करते हैं. उसके बाद मौन धारण करते हैं. मौके पर मौजूद भक्तों ने बताया कि यह हठयोग साधुओं की ओर से स्वयं के लिए नहीं बल्कि समाज के लिए किया जाता है. जिससे क्षेत्र में बेहतर बारिश हो, लोग सुखी रहें. क्षेत्र में समृद्धि आए.
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11 कंडे जलाकर शुरू की तपस्या अब 26 दिन बाद हुए 54 कंडे जला रहे जोतनाथ महाराज ने 26 दिन पहले पंच मुख हनुमान मंदिर में भीषण गर्मी में खुले मैदान में तपस्या शुरू की थी. तब पहले दिन 11 छाणे गाकर पंच धुना की शुरुआत की और हर छाणे बढ़ाते हैं और 26वें दिन 56 छणे हो गए. यह तपस्या 41 दिन चलेगी.
Published at : 27 May 2025 06:48 PM (IST)
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