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In Photo: 'बेहतर इंसान होना सच्ची सफलता', डिनर विद कलेक्टर में कोटा DM ने जाना छात्रों का हाल
Kota News: कोटा शहर के कलेक्टर डिनर विद कलेक्टर के जरिए छात्रों के साथ बातचीत करते नजर आ रहे हैं. इस माध्यम से वह छात्रों की समस्याओं को सुनकर उसके समाधान पर चर्चा करते नजर आए.
छात्रों के साथ संवाद करते कोटा जिला कलेक्टर
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इस प्रयास के चलते कई कोचिंग स्टूडेंट को तनाव से बाहर निकाला गया है. कामयाब कोटा अभियान के अंतर्गत जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने कोरल पार्क स्थित रनीवाल हाइट्स में कोचिंग विद्यार्थियों के साथ डिनर करते हुए संवाद किया.
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कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि नौकरी और परीक्षा जीवन का हिस्सा है, जीवन नहीं है. परिस्थितियों के अनुसार ढलना ही जीवन का सच्चा मंत्र है
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उन्होंने कहा कि घर पर संयमित रहकर तैयारी कैसे संभव है के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र स्वयं की क्षमताओं को पहचानते है इसलिए अगर नियम में रहने के लिए आपको कोई कोचिंग, टेस्ट सीरीज जैसी सुविधा आपके सफर को आसान बनाती है तो बेहतर विकल्पों को चुनें. अपनी तरफ से ईमानदार कोशिश करें बाकी ईश्वर के फैसले पर विश्वास रखें.
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रविन्द्र गोस्वामी ने कहा कि टारगेट के अनुसार पढ़ाई न कर पाने पर होने वाले तनाव से कैसे निपटा जाये के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि दिन को छोटे छोटे हिस्सो में बांटे. समय और लक्ष्य को कंपार्टमेंटलाइज करें और अपने अटेंशन स्पान को पहचाने और उसके पूरा होने पर खुद को खुश करने वाले कार्य करें. पढ़ाई को मजबूरी में ना पढ़े, प्रेरणा के साथ पढें.
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पढ़ाई करने के बाद भी डर लगने के सवाल पर जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने कहा कि शंका, घबराहट मेहनत करने वालो को निशानी हैं, और यह थोड़ी घबराहट, चिंता मेहनती छात्र की पहचान है. एक छात्रा ने पूछा कि लगता है कि घर पर रहकर शायद अच्छी तैयारी होती, इस प्रश्न के जवाब पर उन्होंने कहा कि हर फैसले के अपने नतीजे होते है, कोचिंग और टेस्ट जीवन को संयमित करने में भूमिका निभा सकते हैं.
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पीएमटी से यूपीएससी में आने का कारण पूछने पर उन्होंने कहा बतौर डॉ. जब एक गरीब परिवार की स्वास्थ्य समस्या के अलावा अन्य मजबूरिया देखी तब लगा की वहां सेवा का सीमित दायरा था, यहां एक बड़े दायरे में सेवा करने के अवसर के कारण यूपीएससी की तरफ रुझान किया. जीवन मे औरों को देखकर कभी लगता की शायद इस सब्जेक्ट को लेकर गलत निर्णय लिया के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि मानवीय दिमाग दुख को ढूंढता है ऐसा नहीं है की हर एग्जाम पास करने वाला व्यक्ति बहुत खुश है. इस पल में कोटा में रहने का आनंद लें भविष्य में इन सुखद दिन को याद करेंगे.
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होस्टल में अनावश्यक बचे खाने की बात पर उन्होंने कोटा नगर निगम दक्षिण कमिश्नर सरिता को एनजीओ से संपर्क कर जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाने के लिए कहा और इस बात को रखने के लिए छात्रा की सराहना की.
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भरोसेमंद कौन के सवाल पर उन्होंने कहा एक छात्र के लिए माता पिता और ईश्वर सबसे भरोसेमंद एवं आपके वह आपके सबसे बड़े शुभचिंतक है. जिला कलेक्टर के साथ डिनर कार्यक्रम की छात्राओं ने सराहना की. इस अवसर पर नगर निगम कोटा दक्षिण आयुक्त सरिता ने भी छात्राओं को संबोधित किया.
Published at : 03 Mar 2024 05:33 PM (IST)
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