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In Pics: बूंदी में पिछले साल के मुकाबले 81 फीसद ज्यादा बारिश, फसलों को भारी नुकसान, देखें तस्वीरें
Bundi Rain: बूंदी में भारी बरसात से सड़क, बिजली और फसलों को भारी नुकसान हुआ है. चंबल, मेज, घोड़ापछाड़, मांगली, कुरेल, गरजनी, बलांडी, सगुन सहित 10 से ज्यादा नदियां उफान पर हैं और 19 बांध भर चुके हैं.
![Bundi Rain: बूंदी में भारी बरसात से सड़क, बिजली और फसलों को भारी नुकसान हुआ है. चंबल, मेज, घोड़ापछाड़, मांगली, कुरेल, गरजनी, बलांडी, सगुन सहित 10 से ज्यादा नदियां उफान पर हैं और 19 बांध भर चुके हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/25/65f6c95041b8cd2c829d5beb6e4e6dbb1661433969742211_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
(बूंदी में बारिश से हाल बेहाल)
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![जिले में पिछले साल के मुकाबले 81 फीसद ज्यादा बारिश हुई है. कोटा बैराज से आज भी पानी चंबल नदी में छोड़ा गया. नदी किनारे बसे गांवों केशवरायपाटन, लाखेरी इलाके में खतरा टला नहीं है. सैकड़ों परिवार को ऊंची जगह पर शिफ्ट किया जा रहा है. भारी बारिश से कोटा-लालसोट मेगा हाइवे तीसरे दिन आज भी बंद रहा. नेशनल हाइवे-52 कोटा जयपुर तालाब गांव के पास भी पानी भर गया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/25/0b3e5805e795a349ec376b723f10d0fae667e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जिले में पिछले साल के मुकाबले 81 फीसद ज्यादा बारिश हुई है. कोटा बैराज से आज भी पानी चंबल नदी में छोड़ा गया. नदी किनारे बसे गांवों केशवरायपाटन, लाखेरी इलाके में खतरा टला नहीं है. सैकड़ों परिवार को ऊंची जगह पर शिफ्ट किया जा रहा है. भारी बारिश से कोटा-लालसोट मेगा हाइवे तीसरे दिन आज भी बंद रहा. नेशनल हाइवे-52 कोटा जयपुर तालाब गांव के पास भी पानी भर गया.
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![गुढा बांध के 11 गेट खोलकर पानी की निकासी करने पर कई गांव टापू बन गए. चंबल नदी किनारे बगली, बहडावली, खाकटा और गोहाटा की निचली बस्तियों में पानी भरा हुआ है. इंसानों के साथ साथ जानवरों की जान सांसत में आ गई है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/25/2d2ad0ab43b9d7fb42c9a3675efe4dd0d5fc0.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गुढा बांध के 11 गेट खोलकर पानी की निकासी करने पर कई गांव टापू बन गए. चंबल नदी किनारे बगली, बहडावली, खाकटा और गोहाटा की निचली बस्तियों में पानी भरा हुआ है. इंसानों के साथ साथ जानवरों की जान सांसत में आ गई है.
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![आज भी सुबह पानी बढ़ता देख ग्रामीण ट्रैक्टर ट्रॉली में सामान भरकर सुरक्षित जगह के लिए पलायन करने लगे. पुलिस लोगों से गांव खाली करने की अपील करती रही. बाढ़ के पानी की चपेट में चाणदा, सखावदा, कांकरा मेज, पाली, बसवाड़ा, करीरिया, पीपलदा थाग, सामरा, बड़ाखेड़ा, जाडला, पापड़ी, बहडावली, खाकटा बगली और गोहाटा हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/25/2a1e783e93784b27732e40156d15f101269d7.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
आज भी सुबह पानी बढ़ता देख ग्रामीण ट्रैक्टर ट्रॉली में सामान भरकर सुरक्षित जगह के लिए पलायन करने लगे. पुलिस लोगों से गांव खाली करने की अपील करती रही. बाढ़ के पानी की चपेट में चाणदा, सखावदा, कांकरा मेज, पाली, बसवाड़ा, करीरिया, पीपलदा थाग, सामरा, बड़ाखेड़ा, जाडला, पापड़ी, बहडावली, खाकटा बगली और गोहाटा हैं.
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![जिले में अब तक 888.17 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. पिछले साल 2021 में 807 मिमी बरसात हुई थी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/25/36b907998d875ab9461f89b55f8ddfda74ac3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जिले में अब तक 888.17 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. पिछले साल 2021 में 807 मिमी बरसात हुई थी.
Published at : 25 Aug 2022 07:58 PM (IST)
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डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल
Opinion