नितिन नबीन को BJP का अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया गया? वर्किंग प्रेसिडेंट बनाए जाने के प्लान का डिकोड
नितिन नबीन बिहार में PWD मंत्री और पटना के बांकीपुर से 5 बार विधायक रह चुके हैं. कायस्थ समाज से आने वाले नबीन अपने पिता नवीन किशोर सिन्हा के निधन के बाद पटना पश्चिम सीट से पहली बार विधायक बने थे.

भारतीय जनता पार्टी ने नितिन नबीन को नया राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है. खास बात ये है बीजेपी के इतिहास में वह केवल दूसरे नेता हैं, जो इस पद पर नियुक्त हुए हैं. उनसे पहले जगत प्रकाश नड्डा इस पद पर आसीन हुए थे, जो वर्तमान में बीजेपी चीफ हैं. हालांकि पार्टी के संविधान में कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन साल 2019 से यह पद अध्यक्ष पद संभालने से पहले एक सीढ़ी बन गया है.
साल 2019 में जब अमित शाह केंद्रीय गृहमंत्री बने थे तो जेपी नड्डा को बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. वह लगभग छह महीने तक इस पद पर बने रहे और अमित शाह की मदद की. हालांकि आगे चलकर जनवरी 2020 में उन्हें औपचारिक रूप से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. करीब छह साल से नड्डा ही बीजेपी की कमान संभाल रहे हैं. भाजपा के संविधान के अनुसार, एक नेता तीन-तीन वर्ष के दो कार्यकालों के लिए अध्यक्ष बन सकता है. भाजपा नेताओं की मानें तो पार्टी में कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति एक अंतरिम व्यवस्था है.
नितिन नबीन को क्यों बनाया गया कार्यकारी अध्यक्ष?
नेताओं का कहना है कि हिंदुओं द्वारा अशुभ माने जाने वाला एक महीने का खरमास कल यानी 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है. इसी वजह से कल (रविवार) को ही नबीन को कार्यकारी अध्यक्ष नामित किया गया. 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद यह अवधि समाप्त होने पर नए पार्टी प्रमुख के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.
भाजपा ने 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 30 में संगठनात्मक चुनाव संपन्न कर लिए हैं. यह महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्टी प्रमुख के चुनाव की शुरुआत के लिए देश के कम से कम आधे राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूर्ण करना अनिवार्य है.
14 जनवरी के बाद हो सकता है औपचारिक ऐलान
भाजपा नेताओं के अनुसार, बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव में कम से कम चार दिन लगेंगे और यह 14 जनवरी के तुरंत बाद पूरा हो सकता है. हालांकि औपचारिक चुनाव होगा, लेकिन नबीन की जीत को पहले से ही तय माना जा रहा है क्योंकि भाजपा और उसका वैचारिक संरक्षक संगठन आरएसएस, ऐसे मामलों में सर्वसम्मति पर जोर देते हैं. ऐसे में तब तक नितिन नबीन, नड्डा की मदद करेंगे और भाजपा अध्यक्ष का पदभार संभालने से पहले तौर-तरीके सीखेंगे, ठीक वैसे ही जैसे नड्डा ने छह साल पहले शाह से सीखे थे.
गडकरी का रिकॉर्ड तोड़ देंगे नितिन नबीन!
45 साल के नितिन नबीन बिहार में सड़क निर्माण मंत्री और पटना के बांकीपुर से पांच बार विधायक रह चुके हैं. अपने पिता और भाजपा के वरिष्ठ नेता नवीन किशोर सिन्हा के निधन के बाद पटना पश्चिम विधानसभा सीट खाली होने पर वे उपचुनाव में पहली बार 26 वर्ष की आयु में विधायक बने थे. कायस्थ समाज से आने वाले नितिन अब बिहार और पूर्वी भारत से भाजपा के पहले अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. अगर वे अगले वर्ष पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करते हैं तो वे इतिहास के सबसे युवा भाजपा अध्यक्ष होंगे, जो 52 वर्ष की आयु में पदभार ग्रहण करने वाले नितिन गडकरी का रिकॉर्ड तोड़ देंगे. नितिन नबीन छत्तीसगढ़ और सिक्किम में भाजपा के प्रभारी रह चुके हैं.
PM मोदी ने दी नितिन नबीन को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नबीन की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने एक कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने कहा, 'वे एक युवा और कर्मठ नेता हैं, जिनके पास समृद्ध संगठनात्मक अनुभव है और बिहार में विधायक और मंत्री के रूप में कई कार्यकालों का उनका प्रभावशाली रिकॉर्ड है. उन्होंने जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लगन से काम किया है. वे अपने विनम्र स्वभाव और व्यावहारिक कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं. मुझे विश्वास है कि उनकी ऊर्जा और समर्पण आने वाले समय में हमारी पार्टी को मजबूती प्रदान करेंगे.'
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Source: IOCL
























