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अयोध्या से दूरी लेकिन सोनिया गांधी का मंदिरों से है रिश्ता पुराना
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस के इस कार्यक्रम से किनारा करने के बाद बीजेपी लगातार निशाना साध रही है. बीजेपी ने कांग्रेस को सनातन विरोधी भी करार दिया है.
अक्टूबर 2014 में दशहरे पर भगवान राम और लक्ष्मण की आरती करती सोनिया गांधी
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कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में 22 जनवरी को होनी वाली राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला था. इसके बाद से यह चर्चा का विषय बना हुआ था कि कांग्रेस इस निमंत्रण पर क्या स्टैंड लेती है. अब कांग्रेस ने इससे दूरी बनाने का फैसला किया है. कांग्रेस के इस फैसले के बाद सियासत तेज हो गई है. बीजेपी इस फैसले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है और उसे राम विरोधी और सनातन विरोधी बता रही है.
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कांग्रेस ने बीजेपी और आरएसएस पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है.यह पहली बार नहीं है, धर्म के मुद्दे पर सोनिया गांधी को इस तरह से घेरा गया हो, उनके राजनीति में आने के बाद से ही वे राजनीतिक पार्टियों के निशाने पर रही हैं. 1999 के लोकसभा चुनावों में जब संघ ने सोनिया के विदेशी मूल और ईसाई धर्म के आधार पर 'राम राज्य' बनाम 'रोम राज्य' का मुद्दा खूब उठाया था. धर्म की राजनीति के बीच समय समय पर सोनिया गांधी भारत के विभिन्न राज्यों में कई बड़े मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए जाती रही हैं.
Published at : 12 Jan 2024 08:07 AM (IST)
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