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Army Agniveer: सेना के अग्निवीरों की ट्रेनिंग शुरू, लड़कियां भी शामिल, देखें तस्वीरें

अग्निपथ स्कीम के तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में सेना के अग्निवीरों की ट्रेनिंग सोमवार से शुरू हो गई. अगले छह महीने तक इन सभी अग्निवीरों को कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना होगा.

अग्निपथ स्कीम के तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में सेना के अग्निवीरों की ट्रेनिंग सोमवार से शुरू हो गई. अगले छह महीने तक इन सभी अग्निवीरों को कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना होगा.

अग्नि वीरों के ट्रेनिंग (Image Source Indian Army)

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ट्रेनिंग पूरा करने के बाद ही ये अग्निवीर देश की रक्षा और सेवा करने के लिए तैयार हो पायेंगे. भारतीय सेना के मुताबिक, अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों के पहले बैच की भर्ती-प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. भर्ती होने वाली अग्निवीरों ने 25-31 दिसंबर (2022) के बीच सेना के अलग-अलग रेजीमेंटल सेंटर में रिपोर्ट कर दिया है.
ट्रेनिंग पूरा करने के बाद ही ये अग्निवीर देश की रक्षा और सेवा करने के लिए तैयार हो पायेंगे. भारतीय सेना के मुताबिक, अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों के पहले बैच की भर्ती-प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. भर्ती होने वाली अग्निवीरों ने 25-31 दिसंबर (2022) के बीच सेना के अलग-अलग रेजीमेंटल सेंटर में रिपोर्ट कर दिया है.
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सोमवार से इन सभी रेजीमेंटल और ट्रेनिंग सेंटर में अग्निवीरों की ट्रेनिंग शुरु हो गई है. सेना के अग्निवीरों के पहले बैच में महिलाएं भी शामिल हैं जो बेंगलुरू स्थित कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस (सीएमपी) में ट्रेनिंग के लिए पहुंच गई हैं.
सोमवार से इन सभी रेजीमेंटल और ट्रेनिंग सेंटर में अग्निवीरों की ट्रेनिंग शुरु हो गई है. सेना के अग्निवीरों के पहले बैच में महिलाएं भी शामिल हैं जो बेंगलुरू स्थित कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस (सीएमपी) में ट्रेनिंग के लिए पहुंच गई हैं.
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जिन रेजीमेंटल सेंटर्स पर अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो गई है, वे मुख्य तौर पर निम्नलिखित हैं-1. आर्मर्ड कोर ट्रेनिंग सेंटर, अहमदनगर (महाराष्ट्र), 2. आर्टिलरी ट्रेनिंग सेंटर, नासिक (महाराष्ट्र),3. आर्टिलरी ट्रेनिंग सेंटर, हैदराबाद (तेलंगाना), 4. जैक रिफ रेजिमेंटल सेंटर, जबलपुर (मध्य प्रदेश),5. वन (1) एसटीसी. जबलपुर (मध्य प्रदेश), 6. कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस, बेंगलुरू (कर्नाटक)--महिला अग्निवीरों के लिए. 7. पंजाब रेजिमेंटल सेंटर, रामगढ़ (झारखंड), 8. सिख रेजिमेंट सेंटर, रामगढ़ (झारखंड),9. बिहार रेजिमेंट सेंटर, दानापुर (बिहार),10. कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर, रानीखेत (उत्तराखंड),11. टू (02) एसटीसी, गोवा,12. द गार्ड्स रेजिमेंटल सेंटर, नागपुर (महाराष्ट्र).
जिन रेजीमेंटल सेंटर्स पर अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो गई है, वे मुख्य तौर पर निम्नलिखित हैं-1. आर्मर्ड कोर ट्रेनिंग सेंटर, अहमदनगर (महाराष्ट्र), 2. आर्टिलरी ट्रेनिंग सेंटर, नासिक (महाराष्ट्र),3. आर्टिलरी ट्रेनिंग सेंटर, हैदराबाद (तेलंगाना), 4. जैक रिफ रेजिमेंटल सेंटर, जबलपुर (मध्य प्रदेश),5. वन (1) एसटीसी. जबलपुर (मध्य प्रदेश), 6. कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस, बेंगलुरू (कर्नाटक)--महिला अग्निवीरों के लिए. 7. पंजाब रेजिमेंटल सेंटर, रामगढ़ (झारखंड), 8. सिख रेजिमेंट सेंटर, रामगढ़ (झारखंड),9. बिहार रेजिमेंट सेंटर, दानापुर (बिहार),10. कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर, रानीखेत (उत्तराखंड),11. टू (02) एसटीसी, गोवा,12. द गार्ड्स रेजिमेंटल सेंटर, नागपुर (महाराष्ट्र).
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6. कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस, बेंगलुरू (कर्नाटक)--महिला अग्निवीरों के लिए. 7. पंजाब रेजिमेंटल सेंटर, रामगढ़ (झारखंड), 8. सिख रेजिमेंट सेंटर, रामगढ़ (झारखंड),9. बिहार रेजिमेंट सेंटर, दानापुर (बिहार),10. कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर, रानीखेत (उत्तराखंड),11. टू (02) एसटीसी, गोवा,12. द गार्ड्स रेजिमेंटल सेंटर, नागपुर (महाराष्ट्र).
6. कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस, बेंगलुरू (कर्नाटक)--महिला अग्निवीरों के लिए. 7. पंजाब रेजिमेंटल सेंटर, रामगढ़ (झारखंड), 8. सिख रेजिमेंट सेंटर, रामगढ़ (झारखंड),9. बिहार रेजिमेंट सेंटर, दानापुर (बिहार),10. कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर, रानीखेत (उत्तराखंड),11. टू (02) एसटीसी, गोवा,12. द गार्ड्स रेजिमेंटल सेंटर, नागपुर (महाराष्ट्र).
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आपको बता दें कि पिछले साल यानि जून 2022 में सरकार ने सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ स्कीम को लागू किया था. अब सेना में सैनिकों की भर्ती के लिए यही एकमात्र योजना है. इस अग्निपथ स्कीम के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा. ये सभी अग्निवीर चार साल के लिए सेना में भर्ती होंगे. चार साल की सेवाओं के बाद समीक्षा की जाएगी.
आपको बता दें कि पिछले साल यानि जून 2022 में सरकार ने सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ स्कीम को लागू किया था. अब सेना में सैनिकों की भर्ती के लिए यही एकमात्र योजना है. इस अग्निपथ स्कीम के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा. ये सभी अग्निवीर चार साल के लिए सेना में भर्ती होंगे. चार साल की सेवाओं के बाद समीक्षा की जाएगी.
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समीक्षा के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीर ही सेना में आगे अपनी सेवाएं दे पाएंगे और बाकी 75 प्रतिशत को रिटायर कर दिया जाएगा. चार साल के बाद जो अग्निवीर सेना में सेवाएं देगा वही सैनिक कहलाया जाएगा और उसकी रैंक फिर आम सैनिकों की तरह लांस नायक, नायक, हवलदार इत्यादि होगी. सेना में ऑफिसर्स की भर्ती के लिए पहले की तरह ही एनडीए और सीडीएस के माध्यम से चलती रहेगी.
समीक्षा के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीर ही सेना में आगे अपनी सेवाएं दे पाएंगे और बाकी 75 प्रतिशत को रिटायर कर दिया जाएगा. चार साल के बाद जो अग्निवीर सेना में सेवाएं देगा वही सैनिक कहलाया जाएगा और उसकी रैंक फिर आम सैनिकों की तरह लांस नायक, नायक, हवलदार इत्यादि होगी. सेना में ऑफिसर्स की भर्ती के लिए पहले की तरह ही एनडीए और सीडीएस के माध्यम से चलती रहेगी.
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भारतीय सेना के मुताबिक, अग्निपथ स्कीम के तहत पहले साल यानि (2022-23) में कुल 40 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी. माना जा रहा है कि अगले 10 साल यानि 2032 में भारतीय सेना में 50 प्रतिशत अग्निवीर होंगे और बाकी 50 प्रतिशत नियमित सैनिक होंगे. वायुसेना और नौसेना में 3-3 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी. नौसेना में अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग भी ओड़िशा के आईएनएस चिल्का में शुरु हो चुकी है.
भारतीय सेना के मुताबिक, अग्निपथ स्कीम के तहत पहले साल यानि (2022-23) में कुल 40 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी. माना जा रहा है कि अगले 10 साल यानि 2032 में भारतीय सेना में 50 प्रतिशत अग्निवीर होंगे और बाकी 50 प्रतिशत नियमित सैनिक होंगे. वायुसेना और नौसेना में 3-3 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी. नौसेना में अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग भी ओड़िशा के आईएनएस चिल्का में शुरु हो चुकी है.

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