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जूठन से जन्मीं मां मातंगी, जानिए इनकी उत्पत्ति की पौराणिक कथा और इससे मिलने वाली गहरी शिक्षा?
Maa Matangi: हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार मातंगी देवी की उत्पत्ति भगवान शिव और मां पार्वती के जूठन से हुई है. अपवित्रता और अशुद्धता माहौल में जन्मी मां मातंगी के बाहरी दिखावे से बचना सिखाती है.
मां मातंगी की उत्पत्ति
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क्या आपको मां मातंगी देवी के बारे में पता है, जिनकी उत्पत्ति जूठे अन्न से हुई है. ये सुनने में अजीब लग सकता है. लेकिन पौराणिक कथा के अनुसार एक बार मां पार्वती और भगवान शिव एक साथ भोजन कर रहे थे.
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उसी क्षण उनका बचा हुआ जूठन जमीन पर गिर गया, जिससे मां मातंगी की उत्पत्ति हुई. देवी मातंगी, अन्य देवियों की तरह पवित्र वस्तुओं से नहीं, बल्कि जूठे अन्न से जन्मी होने के कारण उनका स्वरूप अलग है.
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मां मातंगी हमें सिखाती हैं कि, दिव्यता सिर्फ शुद्धता और पवित्र माने जाने वाली चीजों में ही नहीं, बल्कि तिरस्कृत और उपेक्षित माने जाने वाले भी छिपी होती है.
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देवी मातंगी हरे रंग की आभा से युक्त है. जिन्होंने अपने हाथों में वीणा धारण किया है. वे वाणी, कला और गुप्त ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती है.
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मां मातंगी के जन्म से हम ये सीख सकते हैं कि, ईश्वर हर जगह है. यहां तक उस जगह भी उपस्थित है, जिसे हमें अपवित्र और अशुद्ध समझते हैं. सच्ची भक्ति और दृष्टि अंदर से आती है, न कि बाहरी दिखावे से.
Published at : 04 Nov 2025 02:08 PM (IST)
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