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तस्वीरों में देखिए- Lockdown से लेकर Unlock तक कैसे बदल गया भारत
![](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/06/02142732/WhatsApp-Image-2020-06-02-at-1.54.52-PM.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
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![लॉकडाउन.... हर भारतीय के जेहन में बसा एक शब्द, जिसे सुना तो बहुतों ने होगा लेकिन अनुभव किया 25 मार्च से. इसकी ज़रूरत तब पड़ी जब कोरोना ने भारत में अपने पांव पसारने शुरू कर दिए. कोरोना करीब 600 लोगों को बीमार कर चुका था और कुछ लोगों की जान चली गई थी. फिर आया लॉकडाउन ताकि कोरोना के पांव थम जाएं. कोरोना के पांव थमे, लेकिन उतने नहीं, जितनी उम्मीद थी. देश ने इस दौरान 4 लॉकडाउन देखे. लॉकडाउन 1 से अनलॉक 1 का सफर पूरा हो चुका है. लेकिन देश ने इस रास्ते को तय करने में बहुत कुछ पाया है और बहुत कुछ खोया है. इस पाए और खोए हुए का लेखा जोखा हैं ये तस्वीरें…](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/06/02193021/WhatsApp-Image-2020-06-02-at-1.53.52-PM.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
लॉकडाउन.... हर भारतीय के जेहन में बसा एक शब्द, जिसे सुना तो बहुतों ने होगा लेकिन अनुभव किया 25 मार्च से. इसकी ज़रूरत तब पड़ी जब कोरोना ने भारत में अपने पांव पसारने शुरू कर दिए. कोरोना करीब 600 लोगों को बीमार कर चुका था और कुछ लोगों की जान चली गई थी. फिर आया लॉकडाउन ताकि कोरोना के पांव थम जाएं. कोरोना के पांव थमे, लेकिन उतने नहीं, जितनी उम्मीद थी. देश ने इस दौरान 4 लॉकडाउन देखे. लॉकडाउन 1 से अनलॉक 1 का सफर पूरा हो चुका है. लेकिन देश ने इस रास्ते को तय करने में बहुत कुछ पाया है और बहुत कुछ खोया है. इस पाए और खोए हुए का लेखा जोखा हैं ये तस्वीरें…
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![25 मार्च को भारत में पहली बार लॉकडाउन लागू किया गया था. इस लॉकडाउन को 14 अप्रैल तक के लिए लागू किया गया था. इस दौरान लोग घरों में कैद रहे. फ्लाइट, ट्रेन, बस, मेट्रो सब बंद कर दिए गए. बाजारों से लेकर मॉल तक पर ताला लटक गया. संक्रमित और संदिग्ध इलाकों को सैनेटाइज़ किया गया.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/06/02192959/WhatsApp-Image-2020-06-02-at-1.53.52-PM-1.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
25 मार्च को भारत में पहली बार लॉकडाउन लागू किया गया था. इस लॉकडाउन को 14 अप्रैल तक के लिए लागू किया गया था. इस दौरान लोग घरों में कैद रहे. फ्लाइट, ट्रेन, बस, मेट्रो सब बंद कर दिए गए. बाजारों से लेकर मॉल तक पर ताला लटक गया. संक्रमित और संदिग्ध इलाकों को सैनेटाइज़ किया गया.
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![दूसरे और तीसरे लॉकडाउन में बड़े शहरों से प्रवासी मजदूरों का मोहभंग होने लगा. बिना खाने और काम के परेशान मजदूरों ने पलायन शुरू कर दिया. मजदूरों का पलायन की सुर्खियां बनीं. पैदल, साईकिल, ट्रक या कोई न कोई जुगाड़ लगाकर मजदूरों के परिवारों के झुंड के झुंड अपने गांव की तरफ जा रहे थे. दूसरा लॉकडाउन 15 अप्रैल से 3 मई तक और तीसरा लॉकडाउन 4 मई से 17 मई तक चला था.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/06/02192942/WhatsApp-Image-2020-06-02-at-1.53.53-PM.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
दूसरे और तीसरे लॉकडाउन में बड़े शहरों से प्रवासी मजदूरों का मोहभंग होने लगा. बिना खाने और काम के परेशान मजदूरों ने पलायन शुरू कर दिया. मजदूरों का पलायन की सुर्खियां बनीं. पैदल, साईकिल, ट्रक या कोई न कोई जुगाड़ लगाकर मजदूरों के परिवारों के झुंड के झुंड अपने गांव की तरफ जा रहे थे. दूसरा लॉकडाउन 15 अप्रैल से 3 मई तक और तीसरा लॉकडाउन 4 मई से 17 मई तक चला था.
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![मजूदरों की तमाम कहानियों ने भी देश-दुनिया तक अपनी पहुंच बनाई. बिहार की ज्योति कुमारी अपने पिता को साईकिल पर गुरूग्राम से लेकर दरभंगा चली गईं. हालांकि इस दौरान सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं. इन ट्रेनों पर विवाद भी खूब हुए.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/06/02192925/WhatsApp-Image-2020-06-02-at-1.53.53-PM-1.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मजूदरों की तमाम कहानियों ने भी देश-दुनिया तक अपनी पहुंच बनाई. बिहार की ज्योति कुमारी अपने पिता को साईकिल पर गुरूग्राम से लेकर दरभंगा चली गईं. हालांकि इस दौरान सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं. इन ट्रेनों पर विवाद भी खूब हुए.
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![इसके बाद 18 मई से 31 मई तक लॉकडाउन का चौथा चरण लागू किया गया. हालांकि इस दौरान कुछ फ्लाइट चलाई गईं. लोगों को पास के साथ जरूरी यातायात की अनुमति दी गई. लोगों को इस दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना था. मास्क के बिना बाहर निकलने पर जुर्माने का प्रावधान भी थी. लॉकडाउन के दौरान लाठियां मारने वाली पुलिस की कुछ बेहतर तस्वीरें भी सामने आईं. पुलिस ने लोगों को कोरोना से बचाव के लिए कोरोना अवतार भी धारण किया.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/06/02192906/WhatsApp-Image-2020-06-02-at-1.53.53-PM-2.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इसके बाद 18 मई से 31 मई तक लॉकडाउन का चौथा चरण लागू किया गया. हालांकि इस दौरान कुछ फ्लाइट चलाई गईं. लोगों को पास के साथ जरूरी यातायात की अनुमति दी गई. लोगों को इस दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना था. मास्क के बिना बाहर निकलने पर जुर्माने का प्रावधान भी थी. लॉकडाउन के दौरान लाठियां मारने वाली पुलिस की कुछ बेहतर तस्वीरें भी सामने आईं. पुलिस ने लोगों को कोरोना से बचाव के लिए कोरोना अवतार भी धारण किया.
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![और फिर आया अनलॉक 1.0, देश में लॉकडाउन के पांचवे चरण को अनलॉक 1 नाम दिया गया. इस दौरान लोगों को कई रियायतें दी गईं. 8 जून से धार्मिक स्थल, शॉपिंग मॉल और होटल-रेस्तरां खुल जाएंगे. उससे पहले सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ बाजार खोल दिए गए. 1 जून से 200 स्पेशल ट्रेनें चलने लगीं. मतलब कोरोना के संकट के बीच धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी जिंदगी...](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/06/02192848/WhatsApp-Image-2020-06-02-at-1.53.54-PM.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
और फिर आया अनलॉक 1.0, देश में लॉकडाउन के पांचवे चरण को अनलॉक 1 नाम दिया गया. इस दौरान लोगों को कई रियायतें दी गईं. 8 जून से धार्मिक स्थल, शॉपिंग मॉल और होटल-रेस्तरां खुल जाएंगे. उससे पहले सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ बाजार खोल दिए गए. 1 जून से 200 स्पेशल ट्रेनें चलने लगीं. मतलब कोरोना के संकट के बीच धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी जिंदगी...
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![एक तस्वीर और भी सामने आई, जिसने मानवता को ही झकझोर दिया. हम बड़े शौक से अपने ट्रॉली बैग में कपड़े भरकर इठलाते हुए कभी ट्रेन तो कभी फ्लाइट से सफर करते हैं. लेकिन ये मां मजदूर थी. लॉकडाउन में उसे घर जाना था और बच्चा चल नहीं सकता था. उसने अपने ट्रॉली बैग को ही गाड़ी बना लिया. पैदल सफर कर रही मां दिल्ली से महोबा जा रही थी. तस्वीर आगरा की थी.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/06/02192831/WhatsApp-Image-2020-06-02-at-1.54.52-PM.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
एक तस्वीर और भी सामने आई, जिसने मानवता को ही झकझोर दिया. हम बड़े शौक से अपने ट्रॉली बैग में कपड़े भरकर इठलाते हुए कभी ट्रेन तो कभी फ्लाइट से सफर करते हैं. लेकिन ये मां मजदूर थी. लॉकडाउन में उसे घर जाना था और बच्चा चल नहीं सकता था. उसने अपने ट्रॉली बैग को ही गाड़ी बना लिया. पैदल सफर कर रही मां दिल्ली से महोबा जा रही थी. तस्वीर आगरा की थी.
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![बिहार के ही रामपुकार की तस्वीर वायरल हुई. बाप दिल्ली में मजदूरी करता था. दूसरी ओर बिहार में उसके बेटे ने दम तोड़ दिया. वो चाहता था कि किसी तरह से अपने बेटे को आखिरी बार देख सके, लेकिन ये संभव नहीं था. फोन पर रोते हुए वो अपने रिश्तेदारों से बात कर रहा था. इस तरह की सैकड़ों ऐसी कहानियां सामने आईं, जिसने लोगों को रुला दिया.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/06/02192814/WhatsApp-Image-2020-06-02-at-1.54.53-PM.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बिहार के ही रामपुकार की तस्वीर वायरल हुई. बाप दिल्ली में मजदूरी करता था. दूसरी ओर बिहार में उसके बेटे ने दम तोड़ दिया. वो चाहता था कि किसी तरह से अपने बेटे को आखिरी बार देख सके, लेकिन ये संभव नहीं था. फोन पर रोते हुए वो अपने रिश्तेदारों से बात कर रहा था. इस तरह की सैकड़ों ऐसी कहानियां सामने आईं, जिसने लोगों को रुला दिया.
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डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल
Opinion