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एडीएम और कलेक्टर में कौन अधिक पावरफुल है?
यह दोनों अहम और प्रभावी पद हैं जो सरकारी तंत्र में होते हैं. एडीएम (असिस्टेंट डिप्टी कमिशनर) और कलेक्टर दोनों ही जिम्मेदारी और अधिकारों के बारे में अच्छे जानकार होते हैं.
डीएम और एडीएम में अंतर क्या है?
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एडीएम और कलेक्टर दोनों ही अपने क्षेत्र में प्रशासनिक कार्यों का प्रबंधन करते हैं, लेकिन उनकी ज़िम्मेदारियां और कार्यक्षेत्र थोड़े भिन्न होते हैं. एडीएम संबंधित अधिकारियों के साथ सहयोग करते हैं, जबकि कलेक्टर का मुख्य उद्देश्य जिले के सम्पूर्ण प्रशासनिक और वित्तीय प्रबंधन का होता है.
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कलेक्टर की सीधी रिपोर्ट सरकारी हियरार्की में एडीएम से ऊपर होती है. वह शहर के विकास, विभिन्न सरकारी योजनाओं का प्रबंधन और वित्तीय प्रशासन को सुनिश्चित करते हैं. एडीएम भी महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं, जैसे कि कुशल तालिम, अनुशासनिक कार्यवाही, और कुशल प्रबंधन, लेकिन वे अपने प्रभाव की दृष्टि से कम होते हैं.
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केवल कलेक्टर को ही एक जिले की संपूर्ण प्रशासनिक शक्तियां और अधिकार दिए जाते हैं जो उन्हें शासन करने की अधिक संपूर्ण स्वतंत्रता देते हैं.
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इसके बावजूद, एडीएम भी अपने क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हैं, लेकिन उनकी प्राधिकरण और प्रभाव की स्तर में DM के मुकाबले कमी होती है.
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इस प्रकार, दोनों ही पदों की अपनी विशेषता और महत्त्व है, लेकिन कलेक्टर को जिले के प्रमुख प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार होते हैं.
Published at : 02 Dec 2023 09:29 PM (IST)
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