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कब से शुरू हुई हाथ मिलाने की परंपरा, जब हैंड-शेक नहीं करते थे तब कैसे मिलते थे दो लोग?
Handshake History: हाथ मिलाना सिर्फ आदत नहीं, बल्कि सदियों पुराना भरोसे का समझौता है. आइए जानें कि हाथ मिलाने की परंपरा कब से शुरू हुई और जब हाथ नहीं मिलाते थे, तब लोग कैसे मिलते थे.
आज किसी से मिलते ही हाथ आगे बढ़ाना सबसे सहज प्रतिक्रिया बन चुकी है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह परंपरा शुरू कैसे हुई? क्या इंसान हमेशा से ऐसे ही मिलते थे या इसके पीछे कोई डर, रणनीति और भरोसे की कहानी छिपी है? दिलचस्प बात यह है कि हाथ मिलाना सिर्फ शिष्टाचार नहीं, बल्कि सदियों पुराना सामाजिक संकेत है, जिसने युद्ध, राजनीति और दोस्ती तीनों का इतिहास बदला है.
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आज हैंडशेक को सम्मान, भरोसे और बराबरी का प्रतीक माना जाता है. व्यापारिक समझौते हों, कूटनीतिक मुलाकात या फिर पहली पहचान, हाथ मिलाना एक वैश्विक संकेत बन चुका है.
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लेकिन यह परंपरा अचानक नहीं बनी, बल्कि इसके पीछे हजारों साल का सामाजिक और सांस्कृतिक विकास जुड़ा है. इतिहास बताता है कि इंसान ने हाथ तभी बढ़ाया, जब उसने सामने वाले पर भरोसा करना सीखा.
Published at : 21 Dec 2025 01:48 PM (IST)
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