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ईवीएम में किस बैटरी का होता है इस्तेमाल, क्या मतदान के समय बदलने का है नियम?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में ईवीएम के जरिए मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब धीरे-धीरे दिल्ली के नागरिक वोट डालने के लिए अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं.
भारत के सभी चुनाव में ईवीएम का ही इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि विपक्षी पार्टी हमेशा चुनाव के समय और वोटिंग के बाद ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है.
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सवाल ये है कि क्या सच में वोटिंग के समय ईवीएम की बैटरी खराब हो सकती है? बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी (ईवीएम) में बिजली का इस्तेमाल नहीं होता है. ईवीएम में बैटरी का इस्तेमाल होता है.
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जानकारी के मुताबिक ईवीएम 6V एल्कलाइन बैटरी पर चलता है. वहीं ईवीएम में प्रति मिनट 5 वोट की सीमा होती है. वहीं एक ईवीएम में अधिकतम 3840 वोट दर्ज किए जा सकते हैं.
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अब सवाल ये है कि क्या मतदान के समय ईवीएम की बैटरी को बदला जा सकता है? इसका जवाब है नहीं. दरअसल चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या निर्धारित करने और बैटरी लगाने के बाद सीयू के 'उम्मीदवार सेट' और पावर पैक (बैटरी) सेक्शन के लिए एक थ्रेड सील लगाई जाती है.
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ये ईवीएम कंट्रोल यूनिट में एल्कलाइन बैटरी को उम्मीदवारों की मौजूदगी में चालू और सील किया जाता है. वहीं मतपत्र को ठीक करने के बाद बैलेट यूनिट के बैलेट पेपर स्क्रीन की थ्रेड सीलिंग भी विशिष्ट मतदान केंद्रों को आवंटन के लिए सीयू/बीयू के दूसरे रैंडमाइजेशन से पहले की जाती है. इसलिए मतदान के समय कोई भी अधिकारी अपने मन से इसको खोल नहीं सकता है.
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वहीं अगर चुनाव के समय कंट्रोल यूनिट का पावर पैक ठीक से काम नहीं करता है या कम बैटरी इंडिकेटर दिखाता है, तो मतदान एजेंटों और सेक्टर अधिकारी की उपस्थिति में पीठासीन अधिकारी के जरिये पावर पैक को बदल दिया जाता है. लेकिन उस वक्त पता टैग के साथ कंट्रोल यूनिट के बैटरी सेक्शन को फिर से सील कर दिया जाता है. वहीं उसी पर एक हस्ताक्षरित रिपोर्ट ई.सी.आई. को प्रस्तुत की जाती है.
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जानकारी के मुताबिक ईवीएम की बैटरी वोटिंग के दिन और काउंटिंग के दिन दोनों को ध्यान में रखते हुए चार्ज के साथ लगाई जाती है. इसलिए इस तरह की दिक्कत कम सामने आती है.
Published at : 05 Feb 2025 06:54 AM (IST)
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