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Sufi Saint: तुर्किए से कौन से सूफी संत भारत आए
Sufi Saint in India : सूफीवाद ऐसा धागा है जो भारत और तुर्किए को बांधता है. सूफी संतों को जो स्थान भारत में मिला वह कहीं नहीं मिला. आइए जानते हैं तुर्किए से कौन से सूफी संत भारत आए.
भारत के सूफी संत
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सूफी संतों ने भारत में सूफीवाद को लोकप्रिय बनाने पर जोर दिया. शिक्षा और प्रचार-प्रसार से माध्यम से सूफीवाद ने भारत में इस्लाम को बढ़ाया और साथ ही विभिन्न धर्म और समुदाय के बीच भी शांति और सद्भाव को बढ़ाया.
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भारत में सूफीवाद का उदय महमूद गजनवी के साथ हुआ. भारत आने वाले पहले सूफी संत शेख इस्माइल थे, जोकि लाहौर से आए. इसके बाद गोरी के साथ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती आए और चिश्ती संप्रदाय की नींव रखी.
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ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती राजस्थान में बस गए और यही इनकी (दरगाह) क्रब भी बनाई गई, जो अजमेर शरीफ के नाम से जाना जाता है और इनकी पुण्यतिथि को यहां उर्स पर्व के रूप में मनाया जाता है.
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मेवलाना जलालुद्दीन रूमी और शेख अहमद सरहिंदी जैसे सूफी संत तो भारत-तुर्की संबंधों के क्षितिज सितारे हैं. प्राचीन इतिहास से लेकर आधुनिक युग तक सूफीवाद के पुल ने भारत और तुर्किए दोनों देशों को एक साथ रखा है.
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बता दें कि तुर्किए सूफी संत ईश्वर के प्रति समर्पित रहते हैं. इनके जीवन में प्रेम, ज्ञान और एकता ही भावना होती है. भारत और तुर्किए के बीच सूफी विचारों के आदान-प्रदान का पता 13वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत काल से लगाया जा सकता है.
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लेकिन इन दिनों जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनातनी की स्थिति है तो तुर्किए खुलकर पाकिस्तान का साथ दे रहा है, जिसके बाद भारत में तुर्किए के खिलाफ नाराजगी है और सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey ट्रेंड कर रहा है.
Published at : 15 May 2025 10:42 AM (IST)
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