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जर्मनी में शुरू हुए कार्निवल की ये हैं कुछ खास बातें, जानेंगे तो आपका भी मन करेगा जाने का
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दक्षिण-पश्चिम जर्मनी में इस इस कार्निवाल की पौराणिक कथाओं के मुताबिक, ये समय साल के उस समय का प्रतिनिधित्व करता है जब ठण्ड का प्रभाव यानि सर्दियों की स्याह आत्माओं का शासन समाप्त हो चुका होता है और इन आत्माओं को मार कर इस कार्निवल में बाहर कर दिया जाता है.
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वहीं दक्षिण-पश्चिम जर्मनी में इसे "स्वाबियन-अल्मेनिक" कार्निवल के नाम से जाना जाता है. स्वाबिया यानि जर्मनी.
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पश्चिम जर्मनी में इस कार्निवाल की पौराणिक कथाओं के मुताबिक, धोबी महिलाओं द्वारा 1824 के एक विद्रोह की याद में, महिलाएं शहर के हॉल में घुस जाती हैं, पुरुषों की टाइयों को काट देती हैं और उन्हें उनके रास्ते से गुजरने वाले किसी भी आदमी का चुंबन लेने की अनुमति होती है.
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गुरुवार को शुरू होने वाले इस कार्निवल को पश्चिम जर्मनी में "महिला दिवस" के नाम से भी जाना जाता है.
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हालांकि कुछ पुरुष अपनी हमउम्र को ही किस करना पसंद करते हैं.
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पूरे जर्मनी में ये अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. लेकिन इनमें सबसे ज्यादा पॉपुलर कोलोन कार्निवल है.
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आप इन तस्वीरों में देख सकते हैं लोग कैसे लड़कियों को किस करते दिखाई दे रहे हैं.
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इस परेड का सबसे खास दिन सोमवार को होता है. सोमवार को परेड को रोज़ मंडे, हाइलाइट के नाम से जाना जाता है.
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यूं तो जर्मनी में त्योहार और पार्टी का मौसम नवंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू हो जाता है लेकिन अभी वहां अल्मेनिक कार्निवल चल रहा है. सभी फोटोः गेटी इमेज
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अल्मेनिक कार्निवल पूरे दक्षिण-पश्चिमी जर्मनी में परेड के साथ आयोजित होता है.
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ये कार्निवल हर साल फरवरी के आखिरी गुरूवार से शुरू होकर मार्च के पहले बुधवार तक चलता है.
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इस कार्निवल के तहत मुंडेरकिंग में कार्निवल परेड को ट्रेडिशनल रूप से युवा प्रतिभागी मुख्य चौराहे पर फाउंटने तक ले जाते हैं, जिसके बाद उन्हें आसपास की किसी भी लड़की को चूमने की आजादी होती है.
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आपको बता दें, जर्मनी में ये कार्निवल खासतौर पर रोज़ेनमोंटाक के आसपास मनाया जाता है; इस पीरियड को "फिफ्थ सीज़न भी कहा जाता है.
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लड़की को किस करने से पहले प्रतिभागी को फाउंटेन में छलांग लगानी होती है.
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