भारतीय रूममेट की हत्या करने वाले पाकिस्तानी को 8 साल की जेल
37 साल के इस पाकिस्तानी को सात साल के जेल की सज़ा काटनी पड़ेगी. सज़ा पूरी होने के बाद इस व्यक्ति को इसके देश डिपोर्ट कर दिया जाएगा. दोषी व्यक्ति मृतक भारतीय और अन्य लोगों के साथ जेबेल अली में कामगारों के रहने वाली जगह में एक कमरे में रहता था.

दुबई: साल 2018 में एक पाकिस्तानी व्यक्ति ने एक जघन्य अपराध को अंजाम दिया था. इसे अंजाम देते हुए उसने अपने भारतीय रूममेट की हत्या कर दी थी. हत्या बस इतनी सी बात पर हुई बहस के लिए कर दी गई थी कि कमरे की बत्ती को जले रहने देना है या बुझा देना है. अब इस हत्यारे व्यक्ति को दुबई की एक अदालत ने सात साल की जेल की सज़ा सुनाई है.
ख़लीज टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 37 साल के इस पाकिस्तानी को सात साल के जेल की सज़ा काटनी पड़ेगी. सज़ा पूरी होने के बाद इस व्यक्ति को इसके देश डिपोर्ट कर दिया जाएगा. दोषी व्यक्ति मृतक भारतीय और अन्य लोगों के साथ जेबेल अली में कामगारों के रहने वाली जगह में एक कमरे में रहता था. ये दक्षिणी दुबई के बाहरी इलाके में है.
एक भारतीय फोरमैन ने कोर्ट से कहा कि एक अक्टूबर 2018 को घटी इस घटना के दौरान दोषी व्यक्ति नशे की हालत में था. उसने कहा कि आरोपी उसके कमरे में गया और बत्ती जला दी. 46 साल के इस व्यक्ति ने कहा, "दोषी ने अपने रूममेट को परेशान किया. वो इस दौरान फोन पर भी बात कर रहा था जबकि बाकी लोग सो रहे थे."
इसके बाद बहसबाजी होने लगी. इसके बार कोर्ट को ये सारी बातें बताने वाला व्यक्ति उस कमरे से चला गया जिसमें हत्या को अंजाम दिया गया था. फिर भारतीय मृतक ने उसकी हत्या करने वाले से कहा कि वो अपना सामान समेट ले और वहां से चला जाए. जब दोषी व्यक्ति वहां से जाने लगा तो उसने वहां काम करने वालों के पिटाई की धमकी दी जिसकी वजह से भारतीय व्यक्ति ने उसकी हत्या कर दी.
फोरमैन ने कहा, "इसके बाद हत्यारे ने अपने बैग से चाकू निकाल और पीड़ित को घोंप. फिर वो वहां से फरार हो गया." फोरेंसिक एक्सपर्ट के मुताबिक मृतक की मौत की वजह चाकू से उसके सीने में लगा गहरा घाव थी. एक्सपर्ट ने ये भी कहा, "जब दोषी ने इस घटना को अंजाम दिया तो वो शराब या किसी और तरह के नशे में नहीं था."
हालांकि, हत्या करने वाले पाकिस्तान व्यक्ति ने अपना जुर्म कबूलते हुए कहा कि जब उसने इस घटना को अंजाम दिया तो उसने शराब पी रखी थी. वहीं उसने ये भी कहा कि पीड़ित को मौत के घाट उतराने का उसका कोई इरादा नहीं था. ये पाकिस्तानी व्यक्ति उसे दी गई सज़ा के ख़िलाफ़ 15 दिनों के भीतर अपील कर सकता है.
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Source: IOCL






















