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किंग चार्ल्स को 100 मिलियन पाउंड क्यों करने पड़ रहे हैं एथिकल इन्वेस्टमेंट फंड में ट्रांसफर? जानें मर चुके लोगों से इसका कनेक्शन

ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय की ओर से मृत लोगों का जुटाया गया धन निजी इस्तेमाल में लेने का दावा एक रिपोर्ट में किया गया है. इस बीच ब्रिटिश किंग 100 मिलियन पाउंड एक फंड में ट्रांसफर करने वाले हैं.

Bona Vacantia Revelations: ब्रिटिश किंग चार्ल्स तृतीय की रियासत ने घोषणा की वह 100 मिलियन पाउंड (आज के एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा) से ज्यादा की राशि एथिकल इन्वेस्टमेंट फंड (नैतिक निवेश कोष) में ट्रांसफर कर रही है. ब्रिटिश अखबार द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस राशि में बोना वेकेंटिया की प्राचीन प्रणाली के तहत मृत लोगों की एकत्र की गई धनराशि भी शामिल है. 

डची ऑफ लैंकेस्टर (ब्रिटिश संप्रभु की एक निजी जागीर) की ओर से धन के इस्तेमाल को लेकर राजा पर बढ़ते दबाव के बीच यह हैरान करने वाली घोषणा सामने आई है.

क्या है बोना वेकेंटिया?

बोना वेकेंटिया का आशय उस संपत्ति से है जिसका कोई मालिक नहीं होता है, यानी ऐसी संपत्ति जो लोग बगैर वसीयत या परिजनों के छोड़ जाते हैं. इंग्लैंड के उत्तर-पश्चिम में बगैर वसीयत या परिजन के दुनिया छोड़कर जाने वालों का धन इस तरह एकत्र होता है. ब्रिटिश कानून के अनुसार ऐसी संपत्ति क्राउन के पास जाती है. 

राजा की संपत्तियों के नवीनीकरण में कुछ धनराशि के इस्तेमाल का दावा

रिपोर्ट में कहा गया है कि द गार्जियन ने गुरुवार (23 नवंबर) को खुलासा किया था कि कुछ धनराशि का इस्तेमाल गुप्त रूप से राजा के स्वामित्व वाली संपत्तियों के नवीनीकरण के लिए किया जा रहा है, जिन्हें लाभ के लिए किराए पर दिया जाता है. डची ने स्वीकार किया कि कुछ बोना वेकेंटिया राजस्व सार्वजनिक और ऐतिहासिक संपत्तियों की मरम्मत के लिए वित्तपोषण कर रहे हैं.

राजा की दो चैरिटी ने किया 40 मिलियन पाउंड ज्यादा बोना वैकेंटिया का इस्तेमाल

राजा की रियासत बोना वेकेंटिया फंड के एक अन्य हिस्से के प्रबंधन को लेकर अलग-अलग सवालों से जूझ रही है, जो इसकी चैरिटी में जमा होता है. उनमें से दो चैरिटी ने 40 मिलियन पाउंड से ज्यादा मूल्य की बड़ी बंदोबस्ती निधि बनाने के लिए बोना वैकेंटिया का इस्तेमाल किया है. उनके खातों में कहा गया है कि नैतिक, सामाजिक या पर्यावरणीय मामलों के संदर्भ में निवेश पोर्टफोलियो पर कोई विशेष बाधा नहीं है, हालांकि निवेश प्रबंधकों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे मामलों को ध्यान में रखें.

रियासत ने की नीति में बदलाव की घोषणा

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हफ्ते गार्जियन की ओर से संपर्क किए जाने पर डची ऑफ लैंकेस्टर ने शुरू में यह कहने से इनकार कर दिया कि क्या उसकी चैरिटी ने किसी तेल या गैस, तंबाकू, हथियार या खनन कंपनियों में निवेश किया है, हालांकि, शुक्रवार (24 नवंबर) देर रात एस्टेट के एक प्रवक्ता ने नीति में बदलाव की घोषणा की.

प्रवक्ता ने कहा, ''नैतिक निवेश को लेकर राजा के दीर्घकालिक समर्थन के अनुसार डची ऑफ लैंकेस्टर ने अपने निवेश पोर्टफोलियो को ईएसजी फंड में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह प्रक्रिया वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है.'' राजा की रियासत की ओर से ऐसा कोई सुझाव नहीं दिया गया है कि वह बोना वेकेंटिया एकत्र करना बंद करने या इसे खर्च करने का तरीका बदलने की योजना बना रहा है.

लैंकेस्टर और फ्लीटवुड सांसद कैट स्मिथ ने जताई हैरानी

एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, डची ऑफ लैंकेस्टर बेनेवोलेंट फंड और डची ऑफ लैंकेस्टर जुबली ट्रस्ट दो चैरिटी हैं जो बोना वेकेंटिया का एक हिस्सा प्राप्त करते हैं, जिन्होंने क्रमशः 18 मिलियन पाउंड और 26 मिलियन पाउंड के प्रमुख बंदोबस्ती फंड बनाए हैं. दोनों चैरिटी का लक्ष्य अपने निवेश से 500,000 पाउंड का वार्षिक रिटर्न प्राप्त करना है.

लैंकेस्टर और फ्लीटवुड सांसद कैट स्मिथ ने कहा, ''कई अन्य स्थानीय लोगों की तरह मुझे भी इस विसंगति को जानकर हैरानी हुई, जिसका मतलब है कि काउंटी में बिना वसीयत या वारिस के मरने वालों की संपत्ति राज्य के बजाय राजा के पास चली जाती है.'' उन्होंने कहा, ''यह मध्यकाल का एक अन्यायपूर्ण और प्राचीन हैंगओवर है और मैं अपने मतदाताओं के अधिकारों को सामंती युग से बाहर लाने के बारे में सलाह ले रही हूं''

यह भी पढ़ें- Royal Family: ब्रिटेन के शाही परिवार में हैं रंगभेदी लोग, मेगन मर्केल का खुलासा- बेटे के रंग पर की थी भद्दी टिप्पणी

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