इस शहर में सिर्फ 2 घंटे ही मोबाइल चला पाएंगे लोग, समय भी तय.... नगर पालिका ने बना दिया कानून
जापान के एक शहर में जनता के स्मार्टफोन उपयोग को सीमित करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया है. इसे असेंबली के पूर्ण सत्र में बहुमत से पारित किया गया और ये कानून 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा.

जापान के आइची प्रान्त की टोयोके नगरपालिका ने एक अध्यादेश जारी कर सभी निवासियों से स्मार्टफोन के उपयोग को सीमित करने के लिए कहा है. स्थानीय मीडिया ने मंगलवार (23 सितंबर, 2025) को बताया कि टोयोके की नगरपालिका सभा ने सभी निवासियों के लिए दैनिक अवकाश-संबंधी स्क्रीन टाइम को दो घंटे तक सीमित करने वाला एक अध्यादेश पारित किया है.
इस अध्यादेश का उद्देश्य स्मार्टफोन, पर्सनल कंप्यूटर और टैबलेट उपकरणों के अत्यधिक उपयोग को रोकना है. इसे असेंबली के पूर्ण सत्र में बहुमत से पारित किया गया. 1 अक्टूबर से प्रभावी, यह स्थानीय कानून मार्गदर्शन के रूप में कार्य करता है. ये छात्र, ऑफिस वर्कर्स या घरेलू काम कर रहे लोगों पर लागू नहीं होता. साथ ही इस अध्यादेश का उल्लंघन करने वालों के लिए कोई दंड का प्रावधान भी नहीं है.
स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग डाल रहा नींद में खलल
टोयोके के मेयर मासाफुमी कोउकी के हवाले से जापान टाइम्स ने कहा कि यह अध्यादेश शहर के निवासियों के स्वास्थ्य संबंधी उपायों का केवल एक हिस्सा है. इसका मकसद निवासियों को यह बताना है कि स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग उनकी नींद में भी खलल डाल रहा है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हम स्मार्टफोन को अस्वीकार नहीं कर रहे हैं. यह अध्यादेश परिवारों के बीच आपसी संवाद को बढ़ाने के लिए भी बनाया गया है और प्राथमिक विद्यालय के छात्रों और छोटे बच्चों के लिए रात 9 बजे के बाद और जूनियर हाई स्कूल के छात्रों और 18 वर्ष से कम उम्र के अन्य बच्चों के लिए रात 10 बजे के बाद स्मार्टफोन और अन्य गैजेट्स के इस्तेमाल से परहेज करने का आह्वान करता है.'
अध्यादेश की समीक्षा करने का आह्वान
जापानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 'कुछ निवासियों ने तर्क दिया है कि नगरपालिका को पारिवारिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए, जबकि अन्य ने इस कदम को परिवार के सदस्यों के साथ चर्चा के अवसर के रूप में लिया है. नगरपालिका असेंबली ने एक पूरक प्रस्ताव भी पारित किया है, जिसमें शहर से नियमित आधार पर इसके प्रभावों और निवासियों की राय की जांच करने के बाद आवश्यकता पड़ने पर अध्यादेश की समीक्षा करने का आह्वान किया गया है.'
निप्पॉन टेलीविजन नेटवर्क (एनटीवी) के अनुसार, पिछली चर्चाओं के दौरान, अध्यादेश का समर्थन करने वाले परिषद सदस्यों ने भी बार-बार कहा कि निवासियों को दिया गया स्पष्टीकरण अपर्याप्त था. एनटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, 'नगर परिषद ने एक पूरक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें निवासियों की जीवनशैली और घरेलू वातावरण की विविधता का सम्मान करने और गलतफहमी से बचने के लिए स्पष्ट और संक्षिप्त जानकारी प्रदान करने के उपाय शामिल हैं.'
ये भी पढ़ें:- GenZ और Nepo Kids पर मनीष तिवारी की पोस्ट पर बवाल, BJP ने राहुल गांधी से जोड़ा; कांग्रेस नेता को देनी पड़ी सफाई
Source: IOCL





















