विदेश मंत्री ने भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को लेकर दिया बयान, डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले क्या बोले जयशंकर, जानिए
Foreign Ministrer S. Jaishankar : एस. जयशंकर ने अमेरिकी निर्मित C-17 विमान, C-130 विमान, पीएच, चिनूक और अपाचे का जिक्र करते हुए भारत और अमेरिका के बीच हुए डिफेंस डील्स पर दुनिया का ध्यान खींचा.

India-America Relations Donald Trump : अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार (20 जनवरी) को 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने वाले हैं. जिसमें भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल होंगे. इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-अमेरिका के रक्षा डील को लेकर एक बड़ा बयान दिया है.
इस दौरान एस. जयशंकर ने अमेरिकी निर्मित C-17 विमान, C-130 विमान, पीएच, चिनूक और अपाचे का जिक्र करते हुए भारत और अमेरिका के बीच हुए डिफेंस डील्स पर दुनिया का ध्यान खींचा. विदेश मंत्री ने कहा, “आज से दो दशक पहले तक हमारे हथियार भंडार में लगभग कोई अमेरिकी हथियार नहीं था. वहीं आज अमेरिका के कई हथियार भारतीय बेड़े में शामिल है.”
बेंगलुरु में अमेरिका का खुला काउंसलेट
विदेश मंत्री ने भारत-अमेरिका के रक्षा साझेदारियों का जिक्र करते हुए ये बयान दिया है. बेंगलुरु में अमेरिका के काउंसलेट के खुलने के मौके पर विदेश मंत्री भारत और अमेरिका के संबंधों का जिक्र कर रहे थे. वहीं, उन्होंने अमेरिकी काउंसलेट खुलने के बाद विदेश मंत्री ने भारत-अमेरिका की रक्षा साझेदारियों का जिक्र किया.
इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “दो दशक पहले, हमारे इनवेंट्री में लगभग कोई अमेरिकी हथियार नहीं था. हमारे बीच रक्षा साझेदारियां बहुत कम हुआ करती थी. लेकिन आज हम अमेरिका का सी-17 विमान, सी-130 विमान, पीएच, चिनूक और अपाचे को उड़ाते हैं. इसके अलावा कई अन्य अमेरिकी हथियार भी भारतीय बेड़े की शोभा बढ़ाती है. जिनका भारत में आना पिछले कुछ समय में हीं शुरू हुआ है.”
बेंगलुरु शहर को लेकर विदेश ने कहा, “आज जानते हैं कि ये HAL का शहर है. वास्तव में यह HAL ही था जो पहली बार मेरे परिवार को इस शहर में लेकर आया था. इसलिए मैं जब भी तकनीकी क्षेत्र, स्पेस तकनीक और रक्षा को देखता हूं तो मुझे लगता है कि कर्नाटक और बेंगलुरु की क्षमता के कारण यह भारत के लिए एक मजबूत स्थिति होगी.”
विदेश मंत्री के बयान का क्या पड़ेगा प्रभाव?
दरअसल, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के पहले ये बड़ा बयान दिया है. हालांकि अमेरिका में ट्रंप शासन आने के बाद वॉशिंगटन की भारत को लेकर क्या विदेश नीति रहेगी, इसे लेकर अब तक कोई जानकारी नहीं है.
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