'धमकी या दबाव से हम डरने वाले नहीं', अमेरिका ने लगाया टैरिफ तो ड्रैगन ने दिखाई आंख
USA-China: टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन आमने-सामने आ गए हैं. चीन ने कहा है कि इससे पूरी दुनिया की आर्थिक तरक्की पर बुरा असर पड़ा है.

USA-China: चीन ने सोमवार (7 अप्रैल) को अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी. यह चेतावनी तब दी गई जब अमेरिका ने कुछ दिन पहले चीन से आने वाले सभी सामानों पर 34% टैक्स (टैरिफ) लगाने का ऐलान किया था.
चीन ने अमेरिका के टैरिफ को एकतरफा और सिर्फ अपने फायदे के लिए उठाया गया कदम बताया. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि अमेरिका अपने हितों को पूरा करने के लिए बाकी देशों को नुकसान पहुंचा रहा है.
'धमकी और दबाव से बात नहीं बनेगी'
अमेरिका के नए टैरिफ पर चीन के विदेश मंत्रालय ने कड़ी आलोचना की है. चीन ने कहा कि अमेरिका ऐसे कदम उठा रहा है, जो सिर्फ उसके फायदे के लिए हैं और दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं. चीन ने इसे एकतरफा रवैया बताते हुए कहा कि धमकी और दबाव डालकर बात नहीं की जा सकती है.
लिन जियान ने कही ये बात
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एएफपी को बताया, "अमेरिका रेसिप्रोकल टैक्स के नाम पर दुनिया पर अपनी धौंस बनाना चाहता है. वह सिर्फ अपने फायदे के लिए बाकी देशों के हितों को नजरअंदाज कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय नियमों की जगह अपने नियम थोप रहा है." जियान ने कहा, "यह पूरी तरह से एकतरफा सोच, स्वार्थी नीति है. अमेरिका अपने आर्थिक दबदबे को बढ़ाना चाहता है.
ट्रंप प्रशासन ने उठाए थे ये कदम
फरवरी और मार्च में ट्रंप प्रशासन ने चीन पर फेंटेनाइल संकट को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए दो बार चीनी सामानों पर 10% का टैरिफ लगाया था. इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने सभी चीनी सामानों पर 34% टैक्स लगाने का फैसला किया था.
चीन ने की थी जवाबी कार्रवाई
ट्रंप प्रशासन के इस कदम के बाद चीन ने 10 अप्रैल से संयुक्त राज्य अमेरिका से आयातित सभी उत्पादों पर अतिरिक्त 34 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। राज्य परिषद के सीमा शुल्क टैरिफ आयोग ने शुक्रवार को इस बात का ऐलान किया था. इस दौरान चीनी आयोग ने अपने बयान में कहा था कि यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों के अनुरूप नहीं है.
इसके अलावा चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि वह अब कंप्यूटर चिप और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी में इस्तेमाल होने वाले कुछ खास खनिजों के निर्यात पर नियंत्रण लगाएगा. इनमें सैमरियम और गैडोलिनियम जैसे दुर्लभ तत्व शामिल हैं. सैमरियम का इस्तेमाल हवाई जहाज और रक्षा से जुड़े सामान बनाने में होता है, जबकि गैडोलिनियम एमआरआई स्कैन जैसे मेडिकल उपकरणों में काम आता है.
Source: IOCL





















