मध्य प्रदेश: मंत्रियों की संख्या की खींचतान में शिवराज मंत्रिमंडल का गठन लटका
मध्य प्रदेश में एक अनार सौ बीमार जैसी हालत हो गई है. मंत्रियों की संख्या कितनी हो इसको लेकर शिवराज सिंह चौहान की सरकार के मंत्रिमंडल का गठन अटक गया है.

भोपाल: मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मंत्रियों की संख्या कितनी हो इसको लेकर हो रही खींचातानी में प्रदेश में संभावित मंत्रिमंडल का गठन लटक गया है. पिछले एक दो दिन में जिस तरह से मंत्रिमंडल बनने की कवायद दिल्ली से लेकर भोपाल तक तेज हुई थी वो अब फिलहाल थम गई है.
शिवराज सिंह का हाथ बंटाने के लिए संघ की ओर से उन्हें जल्दी से छोटा मंत्रिमंडल बनाने की सलाह दी गई थी जिसमें चार या पांच मंत्री होते जो जरूरी विभाग संभालते और प्रदेश की बेकाबू होती परिस्थिति को संभालते. लेकिन ये चार या पांच कौन होंगे जब इसको लेकर मशक्कत शुरू हुई तो एक अनार सौ बीमार की हालत बन गई.
बीजेपी की सरकार बनाने के लिए जिस तरीके से कांग्रेस के 22 विधायकों को तोड़ा गया था उनमें छह मंत्री थे. उन मंत्रियों से यही वायदा था कि वो फिर मंत्री बनेंगे, मगर हालत ऐसी बन जाएगी ये किसी ने नहीं सोचा था. पहले जिन पांच मंत्रियों के नाम तय कर शिवराज सिंह चौहान ने संगठन को दिखाये थे उनमें एक नाम कांग्रेस से पाला बदल कर आये ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे का था. मगर ये बात सिंधिया को पसंद नहीं आई. उन्होंने दिल्ली में अमित शाह और जेपी नड्डा के सामने अपने खेमे के लोगों की उलझन रखी.
इसमें कहा गया कि इन सबको आने वाले दिनों में उपचुनाव लड़ने जाना है, ऐसे में इनका मंत्री बनना जरूरी है. इस वजह से उनका तर्क था कि पहली बार में ही सभी को मंत्री बनाया जाए जिनमें छह पुराने और तीन नए नाम हों. लेकिन जब 10 नाम सिंधिया खेमे के ही होंगे तो फिर बीजेपी के भी दस से पंद्रह लोग तैयार बैठे हैं. ऐसे में आलाकमान ने शिवराज से बड़ा मंत्रिमंडल बनाने की सहमति दे दी है जो आने वाले दो चार दिन में शपथ लेगा.
COVID-19: दिल्ली के तुगलकाबाद में एक ही गली में कोरोना वायरस के 35 नए केस मिले, पूरा इलाका सील
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























