रूपकातिशयोक्ति: बुरे कवियों को सत्ता और गुलदस्ता दोनों खूब भाते हैं
लड़की ने कहा कि क्या तुम्हें इस बात का पश्चाताप है कि वे तीन मज़दूर मारे गए. वे मारे गए क्योंकि वे फुटपाथ पर सो रहे थे, लड़के ने कहा. तुम को जेल तक नहीं हुई, लड़की ने कहा. इसलिए कि मैं गाड़ी चला नहीं रहा था, वह बोला.

युवक ने कवि को चेतावनी दी कि वह उसके पीछे न आए. कवि नहीं माना तो लड़के ने साइलेंसर वाली बंदूक से उस पर गोली चला दी. कवि के सिर से जो खून निकला वह उसकी चिंताओं से भी ज्यादा गाढ़ा था.
रूपकातिशयोक्ति
देवी प्रसाद मिश्र
एक आदमी सड़क के किनारे खड़ा होकर पेशाब कर रहा था. वह दूसरे हाथ में मोबाइल पकड़कर बात कर रहा था. पास में उसकी कार खड़ी थी. उसने कार में लौटकर अपनी प्रेमिका से कहा कि एक कवि को मेरा पेशाब करते हुए मोबाइल पर बात करना सभ्यता के रूपक की तरह लगा. लड़की ने कहा तुम इच्छाओं की अतिरिक्तता के प्रतीक तो हो.
लड़के ने चिढ़ कर कहा कि चलो मॉल चलते हैं ताकि कवि की नज़रों के दायरे से दूर जा सकें. लड़की ने कहा कि मैं तो कितना चाहती थी कोई कवि मुझ पर निगाह डाले. लड़के ने कहा कि तुम जो चाहोगी डाल देंगे. लड़की ने कहा- फक, यू पिग. कि दो मायने वाली बातें कायर करते हैं जो तुम हो भी.
लड़के ने कहा कि हम अपने समय के बड़े रूपक में बदलते जा रहे हो. लेकिन मैं नहीं चाहता था सभ्यता का रूपक बनना क्योंकि यह तो पतन का रूपक बनना होगा. लड़के ने कार स्टार्ट की. कार ने जल्दी ही 120 किलोमीटर की स्पीड पकड़ ली. लड़के ने ऐसी ही किसी स्पीड में कार चलाते हुए ल़ड़की को चूमा. फिर अपनी पैंट की बटन खोल कर लड़की के हाथ को वहां तक लाया. लड़की ने अपना हाथ वापस खींचते हुए चिल्लाकर कहा कि नहीं. गुस्साए लड़के ने स्पीड बढ़ा दी.
फास्ट एंड फ्यूरियस. वर्जन 10. स्पीड उसके नियंत्रण के बाहर चली गई. इसमें वे तीन मज़दूर मारे गए जो फुटपाथ पर काम कर रहे थे. तीन घायल हुए. मुकदमा जो कायम हुआ तो कहा गया कि बीएमडब्ल्यू कार को शेरा नाम का ड्राइवर चला रहा था.
लड़के को कम चोट आई लेकिन लड़की को ज्यादा चोटें आईं. इसलिए लड़का फूल लेकर लड़की के पास प्राइवेट वार्ड में पहुंचा. लड़के ने सिटकनी लगा दी तो लड़की ने थोड़ा चिंतित होकर कहा कि हम सभ्यता के रूपक कैसे न हो पाएं. लड़के ने कहा – इस तरह. और यह कहकर उसने सीसीटीवी कैमरे पर तौलिया डाल दिया और लड़की की चोटिल जगहों को बचाते हुए लड़की के ऊपर आ गया. लड़की उठ कर बैठ गई. उसने लड़के से कहा कि सिगरेट हो तो दो. लड़के ने सिगरेट दी, लड़की ने जलाई. वह धुएं को छत की तरफ फेंकती रही. लड़के ने पाजामा खींच दिया तो लड़की ने कहा, डोंट ट्राय टु रेप मी.
लड़की ने कहा कि क्या तुम्हें इस बात का पश्चाताप है कि वे तीन मज़दूर मारे गए. वे मारे गए क्योंकि वे फुटपाथ पर सो रहे थे, लड़के ने कहा. तुम को जेल तक नहीं हुई, लड़की ने कहा. इसलिए कि मैं गाड़ी चला नहीं रहा था, वह बोला. यू आर अ सकिंग बिच, लड़के ने कहा, पापा ने मैनेज कर लिया नहीं तो हम कहीं के नहीं होते. लड़की बिस्तर पर बैठ गई- कहां के होना चाहते हो तुम और क्या होना चाहते हो, अ रिच फिल्दी फिक्सर. यू एंड योअर फादर. ऐन इल्लीगल माइनर.
लड़का कमरे से बाहर निकला तो कवि वहां घूम रहा था. लड़के के पास वही गुलदस्ता था जो वह लड़की के लिए ले गया था. कवि ने पूछा कि यह गुलदस्ता तुम वापस क्यों ला रहे हो तो लड़के ने कहा कि द गर्ल इज़ बिटेन बाय द मॉरल बग. कवि ने कहा कि यह तो अच्छी खबर है. लड़के ने कहा कि आपकी दुनिया का मैं खलनायक हूं, है न. कवि ने कहा कि चाहो तो यह गुलदस्ता मुझे दे दो. मैं अपने समय के एक बुरे कवि को दे दूंगा.
बुरे कवियों को सत्ता और गुलदस्ता दोनों खूब भाते हैं. लड़के ने कहा कि इसे वह अपनी दूसरी प्रेमिका के लिए ले जा रहा है. कवि ने पूछा कि क्या वह भी अस्पताल में है तो लड़के ने कहा कि नहीं, आज उसका कंसर्ट है. वह गाने वाली है, यद्यपि वह गाती बहुत बुरा है लेकिन इस मीडियॉकर समय में वह जाएगी बहुत आगे.
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(देवी प्रसाद मिश्र की कहानी रूपकातिशयोक्ति का यह अंश प्रकाशक जगरनॉट बुक्स की अनुमति से प्रकाशित)
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