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नीतीश कुमार की नई कैबिनेट के इस सिपाहसलार का JNU से है कनेक्शनः जानिए कौन हैं सुमित सिंह जिन्हें बनाया गया मंत्री
Who is Sumit Singh: दिल्ली के जेएनयू में पढ़ाई के दौरान सुमित सिंह एबीवीपी से जुड़े थे. आगे चलकर वह बिहार की सियासत में सक्रिय हो गए.
![नीतीश कुमार की नई कैबिनेट के इस सिपाहसलार का JNU से है कनेक्शनः जानिए कौन हैं सुमित सिंह जिन्हें बनाया गया मंत्री Who is Sumit Kumar Singh Independent MLA Sumit Singh is a product of JNU who retains place in Nitish Kumar new cabinet नीतीश कुमार की नई कैबिनेट के इस सिपाहसलार का JNU से है कनेक्शनः जानिए कौन हैं सुमित सिंह जिन्हें बनाया गया मंत्री](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/29/10f4759eed9e0fe32540d013b09510ee1706509653810947_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Who is Sumit Singh: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह भी शामिल किए गए हैं. रविवार (28 जनवरी, 2024) को वह भी उन आठ मंत्रियों में थे जिन्होंने सूबे की राजधानी पटना स्थित राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली. नीतीश कुमार के इस सिपाहसलार का नाता दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से है. आइए, जानते हैं सुमित सिंह के बारे में वे बातें जो शायद ही आपको मालूम हों:
सूबे के जमुई में दो जनवरी 1984 को जन्मे सुमित सिंह दिग्गज नेता नरेंद्र सिंह (सूबे के कृषि मंत्री रहे) के बेटे और वहां के इकलौते स्वतंत्र विधायक हैं. सुमित सिंह के दादा श्रीकृष्ण सिंह सामाजवादी नेता माने जाते थे. ऐसा बताया जाता है कि वह दिल्ली में जेएनयू में पढ़ाई के दौरान पॉलिटिक्स में एक्टिव हो गए थे. वह वहां के स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज़ में जैपनीज सेंटर के स्टूडेंट रहे हैं. उन्होंने वहीं पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ज्वॉइन किया था और बाद में बिहार की सियासत में पूरी तरह से सक्रिय हो गए थे.
#WATCH | Bihar: Independent MLA Sumit Kumar Singh takes oath as a minister in the new Nitish Kumar-led government pic.twitter.com/uMZNLjPDqH
— ANI (@ANI) January 28, 2024
सबसे पहला चुनाव उन्होंने चकई सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के टिकट पर लड़ा था. 2015 में जेडी(यू) ने टिकट देने से इनकार किया तो उन्होंने स्वतंत्र चुनाव लड़ने की ठानी मगर उन्हें तब हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, झारखंड की सीमा से लगने वाले चकई से उन्होंने फिर निर्दलीय के तौर पर साल 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ा और इस बार उन्होंने जीत हासिल की. इस विजय के साथ वह बिहार विधानसभा के इकलौते निर्दलीय एमएलए बन गए थे. साल 2022 में भी वह एनडीए-जेडी(यू) कैबिनेट में मंत्री थे. नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर महागठबंधन में जाने के बाद भी वह कैबिनेट में बने रहे. हालांकि, 2 साल बाद जब नीतीश की एनडीए में वापसी हुई तब उन्हें फिर मंत्री पद मिला है.
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