Vladimir Putin India Visit: दोस्त व्लादिमीर पुतिन के लिए प्राइवेट डिनर होस्ट करेंगे पीएम मोदी
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद व्लादिमीर पुतिन का यह पहला भारत दौरा है. पीएम मोदी आज रात उनके सम्मान में एक प्राइवेट डिनर की मेजबानी करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (4 दसिंबर, 2025) को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में एक निजी डिनर की मेजबानी करेंगे. पुतिन की यात्रा ऐसे वक्त हो रही है जब भारत और अमेरिका के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं. उनकी यात्रा का मकसद समग्र द्विपक्षीय रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को विस्तार देना है.
पीएम मोदी और पुतिन के बीच शुक्रवार को होने वाली शिखर वार्ता में रक्षा सहयोग बढ़ाने, द्विपक्षीय व्यापार को बाहरी दबावों से सुरक्षित रखने और छोटे ‘मॉड्यूलर रिएक्टर’ के क्षेत्र में संभावित सहयोग पर विशेष ध्यान दिए जाने की संभावना है. माना जा रहा है इस वार्ता पर पश्चिमी देशों की पैनी निगाह रहेगी.
भारत और रूस के बीच 23वीं शिखर वार्ता के बाद दोनों पक्ष व्यापार समेत कई क्षेत्रों में समझौते कर सकते हैं. चूंकि रूसी नेता यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए नए सिरे से अमेरिकी प्रयास के बीच भारत की यात्रा पर आ रहे हैं, इसलिए शिखर सम्मेलन में इस मुद्दे पर भी बातचीत होने की संभावना है.
पुतिन के यहां पहुंचने के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री मोदी उनके लिए निजी रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे. पिछले वर्ष जुलाई में पुतिन ने रूस की यात्रा पर गए मोदी का इसी प्रकार आतिथि सत्कार किया था. पुतिन का शुक्रवार को औपचारिक स्वागत किया जाएगा, जिसके बाद 23वीं भारत-रूस शिखर वार्ता होगी. प्रधानमंत्री मोदी हैदराबाद हाउस में पुतिन और उनके प्रतिनिधिमंडल के लिए दोपहर के भोज की भी मेजबानी करेंगे.
अधिकारियों ने बताया कि पुतिन सुबह राजघाट भी जाएंगे. शिखर वार्ता के बाद पुतिन रूस के सरकारी प्रसारक के भारत चैनल की शुरुआत करेंगे, जिसके पश्चात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनके सम्मान में राजकीय भोज की मेजबानी करेंगी. लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद पुतिन शुक्रवार रात करीब साढ़े नौ बजे भारत से प्रस्थान करेंगे.
शिखर वार्ता में रूसी कच्चे तेल की बड़ी मात्रा में खरीद की वजह से भारत के व्यापार घाटे में बढ़ोतरी का मुद्दा उठाए जाने की संभावना है. यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका ने भारतीय सामान पर 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाया है, जिसकी वजह से भारत-अमेरिका संबंध पिछले दो दशकों में संभवत: अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. इस शुल्क में रूसी कच्चे तेल की खरीद के कारण लगाया गया 25 प्रतिशत शुल्क भी शामिल है.
शिखर बैठक में अमेरिकी प्रतिबंधों के भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी चर्चा होने की संभावना है. रूस के राष्ट्रपति के कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी प्रतिबंधों के मद्देनजर भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद में ‘‘कुछ समय के लिए’’ गिरावट आ सकती है, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि मॉस्को आपूर्ति बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है.
शिखर सम्मेलन में पुतिन द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन संघर्ष समाप्त करने के अमेरिका के प्रयासों से अवगत कराए जाने की भी संभावना है. भारत लगातार कहता रहा है कि युद्ध खत्म करने का रास्ता केवल संवाद और कूटनीति से होकर गुजरता है.
मोदी और पुतिन की बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. इनमें भारतीय श्रमिकों के रूस में आवागमन को सुगम बनाने संबंधी एक समझौता और रक्षा सहयोग के व्यापक ढांचे के तहत साजो-सामान संबंधी सहयोग पर एक अन्य समझौता शामिल है. ऐसा बताया जा रहा है कि फार्मा, कृषि, खाद्य उत्पादों और उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्रों में रूस को भारतीय निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है.
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