(Source: ECI / CVoter)
नरेंद्र मोदी का 'ब्रेन चाइल्ड' है Vibrant Gujarat Summit: जानिए, 2024 से पहले कैसे डाल सकती है बिजनेस सेक्टर और पॉलिटिक्स पर प्रभाव
Vibrant Gujarat Effect : वाइब्रेंट गुजरात में 32 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं जिनके साथ PM नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय वार्ता भी कर रहे हैं. इसलिए इसका राष्ट्रीय और वैश्विक प्रभाव भी देखने को मिलेगा.
Vibrant Gujarat Effect On Parliament Election: गुजरात के बहुचर्चित वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन वाइब्रेंट गुजरात की शुरुआत बुधवार (10 जनवरी) को हो गई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां संबोधन किया और 2047 में देश की आजादी के समय वर्ष पर विकसित भारत के संकल्प की बात की है.
वैसे तो यह सम्मेलन गुजरात के विकास पर केंद्रित है लेकिन इसके जरिए लोकसभा चुनाव में भी खास संदेश देने की कोशिश होगी. चलिए आज बात करते हैं इस व्यापार शिखर सम्मेलन का लोकसभा चुनाव पर क्या कुछ असर हो सकता है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने की थी वाइब्रेंट गुजरात की शुरुआत
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट की मानें तो 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित होने से पहले जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब इसी तरह का सम्मेलन उन्हें राष्ट्रीय नेता के तौर पर उभारने में मददगार बना था. हकीकत यह है कि वाइब्रेंट गुजरात की शुरुआत किसी और ने नहीं बल्कि सूबे के मुख्यमंत्री रहते खुद नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2003 में की थी. इसके ठीक एक साल पहले गुजरात में चर्चित गोधरा दंगे हुए थे और उसके बाद 2003 के वाइब्रेंट गुजरात समिट ने राज्य को विकास की राह पर ऐसा बढ़ाया की फिर मुड़कर पीछे नहीं देखना पड़ा.
लोकसभा चुनाव में होगा सकारात्मक असर
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट की माने तो एक आईएएस अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया है कि आज गुजरात विकास के मामले में दुबई को टक्कर दे रहा है. इस बार सम्मेलन में 34 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं जो बेहद खास है. यूएई के राष्ट्रपति के साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही अहमदाबाद में रोड शो कर राष्ट्रीय संदेश दिया है.
जाहिर सी बात है गुजरात का विकास भी पीएम नरेंद्र मोदी के शासन में तेज गति से हुआ और अब वही देश के प्रधानमंत्री हैं तो इस सम्मेलन का असर लोकसभा चुनाव पर भी पॉजिटिव होगा. उन्होंने स्पष्ट तौर पर राजनीतिक कमेंट करने से तो इनकार किया लेकिन इशारे इशारे में यह बताया कि इसका लाभ पीएम मोदी को मिल सकता है.
अरब से मजबूत होते संबंध पीएम मोदी के लिए लाभदायक
गुजरात में दुनियाभर के दिग्गजों का जुटान है जिसमें यूएई के राष्ट्रपति की उपस्थिति खास है. दिसंबर में दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की यात्रा के बाद वाइब्रेंट गुजरात समिट में भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मजबूत होते रिश्ते भी पीएम मोदी के पक्ष में सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं. मुस्लिम कंट्री यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ‘वाइब्रेंट गुजरात समिट’ में मुख्य अतिथि हैं.
शिखर सम्मेलन का 20वां वर्ष खास, विपक्षीय बैठक का वैश्विक असर
दरअसल, वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का 10वां संस्करण 10 से 12 जनवरी 2024 तक गांधीनगर में आयोजित किया जा रहा है. इसकी थीम ‘गेटवे टू द फ्यूचर’ है. यह संस्करण ‘वाइब्रेंट गुजरात के 20 वर्षों को सफलता को दर्शाने वाला है जो बीजेपी शासन में गुजरात के विकास को रेखांकित करेगा. कहा जाता है कि इस ‘वाइब्रेंट गुजरात समिट’ के पीछे पीएम मोदी का ही दिमाग है. जब वह मुख्यमंत्री थे, तब उनके दिमाग में ही इसका नाम आया था.
इस बार इस सम्मेलन में रिकॉर्ड संख्या में MOU पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है जो विश्व मंच पर भारत के व्यापारिक संबंधों को नया आयाम देने वाला होगा. शिखर सम्मेलन में जिन देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं उनके साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय वार्ता भी हो रही है जो एक राज्य के शिखर सम्मेलन के बावजूद राष्ट्रीय और वैश्विक वार्ता के तौर पर दर्ज होगी. इसलिए इसका लोकसभा चुनाव पर खासा असर हो सकता है.