5 हफ्तों बाद आखिर उड़ान भरने के लिए तैयार हो गया ब्रिटेन का F-35 फाइटर जेट, जानें कब लौटेगा अपने देश
पिछले महीने 14 जून से पांचवी श्रेणी का एक 'अदृश्य' विमान इमरजेंसी लैंडिंग के चलते त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट पर खड़ा था. बाद में भारत ने पता लगा लिया कि ये इंग्लैंड की नौसेना का एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट है.

पांच हफ्तों की जद्दोजहद के बाद आखिरकार इंग्लैंड की नौसेना (रॉयल नेवी) का एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट तिरुवनंतपुरम से सोमवार (21 जुलाई, 2025) को स्वदेश उड़ान के लिए तैयार है. अगले 24-48 घंटे के बीच अमेरिका में बना एफ-35 लड़ाकू विमान इंग्लैंड रवाना हो जाएगा. खास बात है कि इसी हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 से 25 जुलाई को दो दिवसीय इंग्लैंड के दौरे पर जा रहे हैं.
पिछले महीने की 14 जून से पांचवी श्रेणी का ये 'अदृश्य' विमान इमरजेंसी लैंडिंग के चलते त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट पर खड़ा था. शुरुआत में बताया गया था कि फ्यूल की कमी के चलते फाइटर जेट की लैंडिंग कराई गई है. बाद में हालांकि, तकनीकी खराबी कारण बताया गया. त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद, फाइटर जेट उड़ नहीं पाया.
अमेरिका में बना सबसे उन्नत और आधुनिक फाइटर जेट
ऐसे में पूरी दुनिया में ये एक कौतुहल का विषय बन गया, क्योंकि पहली बार किसी गैर-नाटो देश में अमेरिका में बना सबसे उन्नत और आधुनिक फाइटर जेट फंस गया था. ये एफ-35 फाइटर जेट, रॉयल नेवी के विमान-वाहक युद्धपोत एचएमएस वेल्स पर तैनात था. घटना के वक्त, एचएमएस वेल्स अरब सागर में तैनात था.
अमेरिका, इंग्लैंड और नाटो देशों को इसलिए भी झटका लगा, क्योंकि भारतीय वायुसेना ने एफ-35 को डिटेक्ट करने का दावा कर डाला. वायुसेना ने बताया कि देश के आईएसीसीएस यानी इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम ने अरब सागर में उड़ान भरते हुए एफ-35 को पकड़ लिया था. जबकि अमेरिका का दावा है कि इस फाइटर जेट को दुनिया की कोई रडार नहीं पकड़ सकती है.
पायलट ने सुरक्षा का दिया हवाला
अमेरिका ने इंग्लैंड और इजरायल सहित अपने सहयोगी देशों को इस बेहद एडवांस लड़ाकू विमान को सप्लाई किया है. शुरुआत में फाइटर जेट के पायलट ने सुरक्षा का हवाला देकर एफ-35 को त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट के हैंगर में ले जाने से भी मना कर दिया था. ऐसे में सीआईएसएफ की एक क्यूआरटी को एफ-35 की सुरक्षा में तैनात किया गया.
रॉयल नेवी के इंजीनियर्स भी तकनीकी खराबी सही करने में नाकाम रहे. बाद में इंग्लैंड से जब रॉयल एयर फोर्स की एक स्पेशलिस्ट टीम त्रिवेंद्रम पहुंची, तब जाकर एफ-35 को एमआरओ यानी मेंटेनेंस रिपेयर और ओवरहालिंग फैसिलिटी में शिफ्ट किया गया. भारत की एमआरओ में रिपेयर के बाद सोमवार (21 जुलाई, 2025) को एफ-35 को एक बार फिर हैंगर से एयरपोर्ट के टारमेक पर लाया गया.
केरल टूरिज्म डिपार्टमेंट ने ली फिरकी
इस बीच एफ-35 को लेकर केरल टूरिज्म डिपार्टमेंट ने भी फिरकी ली है. केरल टूरिज्म ने राज्य के पर्यटन के बढ़ावा देने को लेकर तस्वीर जारी कर दी है कि जो राज्य में आता है, जाने का नाम नहीं लेता. सोशल मीडिया पर भी एफ-35 के उड़ान भरने में नाकाम रहने पर जमकर ट्रोलिंग हुई.
अगले हफ्ते बुधवार को पीएम मोदी इंग्लैंड के आधिकारिक दौरे पर जा रहे हैं. इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार मुक्त संधि पर हस्ताक्षर के साथ ही रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा होने की संभावना है. इंग्लैंड की रोल्स रॉयस कंपनी के एविएशन इंजन को लेकर भी खास तौर से बातचीत हो सकती है.
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Source: IOCL
























