Supreme Court: 'तो तारीख पे तारीख अदालत बन जाएगा सुप्रीम कोर्ट, खत्म होगा जनता का भरोसा', जाने क्यों CJI ने वकीलों को सुनाया मशहूर फिल्मी डायलॉग
Supreme Court Damini Moments: सुप्रीम कोर्ट में वकीलों ने मामलों की सुनवाई के दौरान स्थगन और अगली तारीख की अपील की थी, जिसे लेकर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आपत्ति जतायी है.

Supreme Court Chief Justice: सुप्रीम कोर्ट में विभिन्न मामलों की सुनवाई के दौरान वकीलों की ओर से स्थगन की मांग और अगली तारीख की अपील को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार (3 नवंबर) को महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. उन्होंने अपने कोर्ट रूम में कहा" मैं नहीं चाहता कि यह अदालत 'तारीख-पे-तारीख' अदालत बने." सीजेआई ने वकीलों से अनावश्यक स्थगन की अपील नहीं करने का आग्रह किया है.
दरअसल आज शुक्रवार आज (3 नवंबर) को उन मामलों की सुनवाई होनी थी जो वकीलों के अनुरोध पर तत्काल सूचीबद्ध किये गये थे. हालांकि सुनवाई शुरू होने के पहले वकीलों ने उन मामलों पर स्थगन की मांग कर दी, जिसे लेकर सीजेआई ने आपत्ति जताई. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने बार के सदस्यों से आग्रह किया कि अति आवश्यक होने पर ही मामलों में स्थगन की मांग करें. सीजेआई ने कहा कि वैसे ही इतनी अधिक संख्या में मामले लंबित हैं, जिनका निपटान करने में काफी वक्त लगने वाला है.
2 महीनों में 3688 स्थगन आवेदन
सीजेआई चंद्रचूड़ ने ने कहा," आज 178 स्थगन स्लिप्स हैं. 1 सितंबर से 3 सितंबर तक प्रति अदालती सुनवाई वाले दिन औसतन 154 स्थगन स्लिप दिए गए हैं. 2 महीनों में 3688 स्थगन स्लिप कोर्ट में पेश किए गए. इससे मामलों को दाखिल करने और सूचीबद्ध करने का उद्देश्य विफल होता है."
उन्होंने कहा, सितंबर से अदालत में तत्काल सुनवाई के लिए 2 हजार 361 मामलों को सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें प्रतिदिन केवल औसतन 59 मामलों पर सुनवाई हो सकी. यानी एक तरफ मामलों को तत्काल सुनने की अपील की गई और दूसरी तरफ जब सुनवाई होनी थी तो उसे टालने के लिए आवेदन दे दिया गया. यह परस्पर विरोधाभासी है.
न्यायालय पर नागरिकों का भरोसा खत्म होगा
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड ने मामलों के बार बार स्थगन से नागरिकों के बीच कोर्ट को लेकर भरोसा खत्म होने की आशंका जाहिर करते हुए कहा, "एक तरफ मामलों को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाता है और फिर उन्हें स्थगित कर दिया जाता है. यह तारीख पे तारीख अदालत नहीं बन सकती. इससे हमारी अदालत पर जनता का भरोसा खत्म होता है. ''
आपको बता दें कि 'तारीख पे तारीख' 1993 की मशहूर हिंदी फिल्म 'दामिनी' में सनी देओल के चर्चित डायलॉग से लोकप्रिय हुआ. फिल्म में वकील का रोल करने वाले सनी देओल ने एक मामले में बार-बार सुनवाई टालने पर नाराजगी जाहिर करने के लिए कहा था. यह डॉयलॉग न्याय प्रणाली में देरी को दर्शाता है.
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Source: IOCL






















