Exclusive: राकेश टिकैत बोले- PMO के अधिकारी प्रधानमंत्री को दे रहे गलत जानकारी, सरकार हमसे बातचीत करे | पढ़ें इंटरव्यू की मुख्य बातें
एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान राकैश टिकैत ने कहा कि हम सरकार के बातचीत के लिए तैयार हैं. सरकार तीनों कानूनों को वापस ले और एमएसपी पर कानून बनाए. ये कानून व्यापारियों के फायदे के लिए बनाए गए हैं और बिना किसानों के साथ चर्चा किए बगैर तैयार किए गए हैं.

नई दिल्ली: किसान आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लुसिव बातचीत की. इस दौरान उन्होंने एमएसपी, कृषि कानून, 26 जनवरी को हुई हिंसा और भविष्य की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि तीनों कृषि कानून पूरी तरह के खराब हैं. किसान अपनी फसल आधे दाम में बेच रहा है. गांव के लोगों को नहीं पता कि क्या कानून में है. उसको ये पता है कि मैं जिस चीज को पैदा कर रहा हूं अगर उसे बेचने में मुझे लाभ है तो ये कानून ठीक है.
राकेश टिकैत से बातचीत की मुख्य बातें
राकेश टिकैत ने कहा कि पीएमओ के अधिकारी प्रधानमंत्री को गलत जानकारी दे रहे हैं. राकेश टिकैत ने कहा कि पीएमओ के अधिकारी प्रधानमंत्री को गलत जानकारी दे रहे हैं. हमारी कमेटी से सरकार बातचीत करे. हमारी कमेटी में चालीस लोग हैं. हम बातचीत के लिए तैयार हैं. हमने कोर्ट का सम्मान किया है. हम संसद का सम्मान करते हैं लेकिन आंदोलन करना हमारा हक है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसान धान आठ रुपये किलो बेच रहा है, क्या कंज्यूमर को आठ रुपये किलो मिल रहा है. गन्ना एक्ट में भुगतान 14 दिनों में होने की बात कही गई है. क्या 14 दिनों में भुगतान हो रहा है. उसमें ये भी लिखा गया है कि अगर भुगतान नहीं हुआ तो उसमें ब्याज देंगे. सिर्फ उत्तर प्रदेश में 12 हजार करोड़ रुपये के गन्ने का भुगतान बकाया है.
बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि ये कानून किसान की सहमति से नहीं बना. व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखकर ये कानून बना है. एमएसपी पर कानून नहीं बना. सस्ते में किसानों की फसलों को लूटोगे, गोदामों में जमा करोगे, भूख पर देश में कीमते तय होंगी ये नया फंडा आया है. भूख जितनी लगेगी उसी के हिसाब से अनाज की कीमतें तय होंगी. देश में भूख पर कीमतें तय नहीं होने देंगे. कानून वापस लेने पड़ेंगे.
राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि गुंडा तत्व भेजकर हमारे आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. 26 जनवरी के ट्रैक्टर परेड में सरकार गुडों को लेकर आई. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी के हिंसा की जांच होनी चाहिए. ये (सरकार) साजिश की राजनीति करते हैं.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने कहा कि किसानों का मनोबल तोड़ने की कोशिश की गई. हमारे किसान बैरिकेड के पीछे थे. जो रूट दिए गए उस पर भी बैरिकेडिंग की गई. दिल्ली पुलिस ने वादा खिलाफी की. लाल किले पर जो झंडा था वो साजिश है.
क्या आप बीजेपी को लेकर सॉफ्ट है, इस पर टिकैत ने कहा कि उनका बीजेपी से कोई रिश्ता नहीं है. सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर से ज्यादा गाजीपुर बॉर्डर पर की चर्चा हो रही है. इस पर उन्होंने कहा कि हमारा मंच भी वहीं और हमारे पंच भी वही हैं. फैसला वहीं होगा. हम चालीस लोग हैं. हमारे में कोई कमजोर कड़ी नहीं है.
इस दौरान उनसे सवाल किया गया कि क्या आप यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "मैं चुनाव नहीं लडूंगा." राकेश टिकैत ने कहा, "हम राजनेता नहीं किसान नेता हैं. वोट देने का अधिकार सबको है तो चुनाव लड़ने का भी अधिकार है. हमारा चुनाव से कोई मतलब नहीं है. हमने घोषणा कर दिया कि न चुनाव लड़ेंगे और न किसी के चुनाव प्रचार करेंगे. चुनाव बहुत बड़ी बीमारी है इससे तो बगल ही रहना चाहिए." अगला लोकसभा चुनाव लड़ने से भी उन्होंने इंकार कर दिया.
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Source: IOCL























