एक्सप्लोरर

राजस्थान-एमपी में सीएम की रेस में शामिल अश्विनी वैष्णव, गजेंद्र शेखावत और नरेंद्र तोमर, क्या है खूबी और कमजोरी?

Madhya Pradesh New CM: राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतने के बाद बीजेपी के सामने सवाल है कि राज्यों की कमान किसे दी जाए. इसको लेकर पार्टी के भीतर मंथन जारी है.

Rajasthan New CM: मध्य प्रदेश और राजस्थान में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर सस्पेंस बरकरार है. इस बीच नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद पटेल ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसी के साथ दोनों ही नेता मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के रेस में शामिल हो गए हैं. इससे पहले बुधवार (6 दिसंबर) को तोमर और पटेल ने 10 सांसदों के साथ सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था. 

सूत्रों ने बताया कि राजस्थान में केंद्रीय रेल मंत्री अश्निणी वैष्णव का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहा है. वैष्णव के अलावा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी नाम आ रहा है.

दरअसल, सूत्रों का कहना है कि बीजेपी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में नए चेहरों को मौका दे सकती है. यही वजह है कि बीजेपी ने चुनाव में किसी भी नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया था. हालांकि इसके बाद भी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह के सीएम के रेस से बाहर होने से पार्टी ने इनकार नहीं किया है. नेताओं का कहना है कि पार्टी जो भी मौका देगी उसके वो तैयार हैं. वसुंधरा राजे इस समय दिल्ली में हैं.

अश्विनी वैष्णव को क्यों मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है?
अश्विनी वैष्णव ने केंद्र में कैबिनेट मंत्री होने के नाते अपने काम से शीर्ष नेतृत्व को प्रभावित किया है. वैष्णव की साफ-सुथरी और जमीन से जुड़े नेता होने की छवि है. इसके अलावा उन्होंने आईआईटी कानपुर और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की. वो आईएएस अधिकारी थे तो जानते हैं कि प्रशासन कैसे काम करता है.

अश्विनी वैष्णव को क्यों सीएम नहीं बनाया जा सकता? 
अश्विनी वैष्णव राजस्थान की राजनीति से दूर है और वो पार्टी के अन्य नेताओ से तुलनात्मक रूप से कम अनुभवी भी है. वैष्णव की राष्ट्रीय राजनीति में जरूरत के अलावा ओडिशा में बीजेपी के विस्तार में उनकी विशेषज्ञता चाहिए.  

ओम बिरला को क्यों सीएम बनाए जा सकते हैं?
ओम बिरला लोकसभा स्पीकर होने के साथ-साथ दो बार सांसद रहे हैं. इसके अलावा वो तीन बार विधायक भी रहे हैं. इस कारण राज्य की राजनीति का अनुभव है. बिरला हाड़ौती से बीजेपी के सबसे कद्दावर चेहरों में शुमार होने के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं. साथ ही बिरला की साफ-सुथरी और जमीन से जुड़ी हुई छवि उनके पक्ष में जा सकती है. 

क्यों सीएम नहीं बनाया जा सकता है?
ओम बिरला मुख्यमंत्री बन जाते हैं तो तो संसद में नए स्पीकर की जरूरत होगी. इसके अलावा माना जा रहा है कि बीजेपी युवा चेहरे के साथ जाना चाहती है. इस कारण ये बात बिरला के खिलाफ जा सकती है.  

गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम क्यों आ रहा है?
गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान सियासत की एक नई रंगत हैं और वे तेजी से चमकते सितारे हैं. शेखावत ने 2019 के लोकसभा में जोधपुर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को पटखनी दी है. 
 
साथ ही शेखावत जोधपुर के जयनारायण विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष रहे हैं और उनकी पहचान वहां के एक कामयाब और तेज तर्रार डिबेटर के रूप में रही है.  वे कॉरपोरेट कल्चर में ढले हुए हैं और पीएम मोदी का ध्यान अपने कुशल पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशनों से काफ़ी बार खींच चुके हैं. 

इसके अलावा अशोक गहलोत सरकार को जब गिराए जाने की कोशिश करने के आरोप लगे तो शेखावत विवादों में आए और उनकी कांग्रेस नेता भंवरलाल शर्मा से बातचीत की तथाकथित ऑडियो सीडी क्लिप का प्रकरण बहुत चर्चा में रहा. 

क्यों CM नहीं बनाया जा सकता है?
गजेंद्र सिंह शेखावत राज्य की राजनीति से दूर है और उनका नाम कथित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले में नाम आया था. शेखावत साथ ही अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में हो सकता है कि इसका उन्हें नुकसान हो. 

मध्य प्रदेश के संभावित सीएम उम्मीदवारों के सकारात्मक और नकारात्मक बिंदु
मध्य प्रदेश के नए सीएम बनने की रेस में प्रह्लाद पटेल का नाम आ रहा. इसका कारण उनका महाकोशल और बघेलखंड में प्रभाव है. वो अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समाज से आते हैं. पटेल का राजनीति में लंबा अनुभव है. वो साथ ही पांच बार के सांसद रहे हैं और कई बार केंद्र में भी मंत्री रह चुके हैं.  इसके अलावा पटेल भारतीय जनता मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं. उनकी मजदूर संगठनो में अच्छी पकड़ है. 

प्रह्लाद पटेल को क्यों मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता?
प्रह्लाद पटेल राज्य की राजनीति से दूर हैं और इसके अलावा कई अन्य  उम्मीदवार भी सीएम बनने की रेस में है. केंद्र में उनकी सेवा की जरूरत है. पटेल दलित व्यक्ति की आत्महत्या के मामले में विवाद के केंद्र में थे. इसके अलावा पटेल का एक कथित कोयला घोटाले में नाम सामने आया था. 

राकेश सिंह को क्यों सीएम बनाया जा सकता है?
जबलपुर से सांसद राकेश सिंह का राजनीति में लंबा अनुभव है. सिंह इसके अलावा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं. इसके अलावा वो लोकसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक रहे हैं. सिंह ने अपेक्षाकृत कठिन जबलपुर पश्चिम सीट से 2023 का चुनाव जीता और वो विवादों से दूर रहते हैं. उन्हें अपने काम को पूरा करने के लिए जाने जाते हैं. संगठन के कौशल को समझने वाले हैं. 

क्यों CM नहीं बनाया जा सकता है?
राकेश सिंह राज्य की राजनीति से दूर है और उनके अलावा कई बेहतर उम्मीदवार सीएम बनने की रेस में हैं. सिंह की केंद्र में सेवा की जरूरत. ऐसे में हो सकता है कि बीजेपी सिंह को मध्य का अगला मुख्यमंत्री नहीं बनाए.   
 
नरेंद्र सिंह तोमर का नाम सीएम बनने की रेस में क्यों आ रहा है?
नरेंद्र सिंह तोमर केंद्र में बीजेपी के कद्दावर नेता है. साथ ही साध चम्बल रीजन में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद पार्टी के बड़े नेता है. तोमर को सरकार और संगठन दोनो का अनुभव हैं. उनके बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व से अच्छे संबंध है. 
 
तोमर को केंद्र में बड़े नेता होने के बाद भी मुरैना की दिमनी सीट से उतारा गया था. यह सीट चम्बल रीजन क्षेत्र में आती है. वो ग्वालियर से दो बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं. बीजेपी के कैंपेन कमेटी की अध्यक्ष भी है. 

नरेंद्र सिंह तोमर को क्यों सीएम नहीं बनाया जा सकता?
नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे के कथित वायरल वीडियो ने चुनाव के दौरान विवाद खड़ा कर दिया था. साथ ही उन्हें  मध्य प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान निवासियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. किसान आंदोलन के कारण वह तोमर किसानों के गुस्से के केंद्र में थे.   बता दें कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए हाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की है. 

ये भी पढ़ें- Revanth Reddy Oath Ceremony: रेवंत रेड्डी बने तेलंगाना के तीसरे मुख्यमंत्री, मल्लू भट्टी ने ली डिप्टी सीएम पद की शपथ, ये रही पूरी कैबिनेट की लिस्ट

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Putin India Visit: 'हम सीटियां मारते हैं तो भी पुतिन रुकते नहीं और मोदी के साथ...', रूसी राष्ट्रपति को भारत में देखकर गुस्से से लाल हुए PAK एक्सपर्ट
'हम सीटियां मारते हैं तो भी पुतिन रुकते नहीं और मोदी के साथ...', रूसी राष्ट्रपति को भारत में देखकर गुस्से से लाल हुए PAK एक्सपर्ट
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा ने लिए सात फेरे, देखें शादी की पहली तस्वीर
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा ने लिए सात फेरे, देखें शादी की तस्वीरें
IndiGo Flight Cancel: संकट में फंसी इंडिगो को DGCA ने दी बड़ी छूट, नाइट-ड्यूटी नियम में ढील, शर्तें लागू
संकट में फंसी इंडिगो को DGCA ने दी बड़ी छूट, नाइट-ड्यूटी नियम में ढील, शर्तें लागू
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
Advertisement

वीडियोज

Flight Delay या Cancel? DGCA के नियम जो Airlines आपको नहीं बताती | Paisa Live
IPO Alert: Luxury Time IPO में Invest करने से पहले जानें GMP, Price Band | Paisa Live
New Labour Code 2024: Take-Home Salary क्यों कम होगी ? Full Salary Breakdown Explained | Paisa Live
IPO Alert: Western Overseas Study Abroad Ltd. IPO में Invest करने से पहले जानें GMP, Price Band|
GST का बड़ा खतरा: Property खरीदने में एक छोटी गलती और आपकी Property हो सकती है Attach| Paisa Live
Advertisement

फोटो गैलरी

Advertisement
Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Putin India Visit: 'हम सीटियां मारते हैं तो भी पुतिन रुकते नहीं और मोदी के साथ...', रूसी राष्ट्रपति को भारत में देखकर गुस्से से लाल हुए PAK एक्सपर्ट
'हम सीटियां मारते हैं तो भी पुतिन रुकते नहीं और मोदी के साथ...', रूसी राष्ट्रपति को भारत में देखकर गुस्से से लाल हुए PAK एक्सपर्ट
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा ने लिए सात फेरे, देखें शादी की पहली तस्वीर
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा ने लिए सात फेरे, देखें शादी की तस्वीरें
IndiGo Flight Cancel: संकट में फंसी इंडिगो को DGCA ने दी बड़ी छूट, नाइट-ड्यूटी नियम में ढील, शर्तें लागू
संकट में फंसी इंडिगो को DGCA ने दी बड़ी छूट, नाइट-ड्यूटी नियम में ढील, शर्तें लागू
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
Year Ender 2025: साल 2025 में साउथ की फिल्मों ने चटाई बॉलीवुड को धूल,  हिंदी की दो फिल्में ही बचा पाईं लाज
साल 2025 में साउथ की फिल्मों ने चटाई बॉलीवुड को धूल, हिंदी की दो फिल्में ही बचा पाईं लाज
क्या इस भारतीय क्रिकेटर को मिला DSP सिराज से ऊंचा पोस्ट? बंगाल में ड्यूटी की जॉइन
क्या इस भारतीय क्रिकेटर को मिला DSP सिराज से ऊंचा पोस्ट? बंगाल में ड्यूटी की जॉइन
अब नाम-पता लिखने का झंझट खत्म, 10 अंकों के डिजिपिन से होगी घर तक डिलीवरी, ऐसे करें जनरेट
अब नाम-पता लिखने का झंझट खत्म, 10 अंकों के डिजिपिन से होगी घर तक डिलीवरी, ऐसे करें जनरेट
HIV To AIDS Progression: शरीर में कितने साल रहने पर HIV वायरस बन जाता है AIDS, जानें कब हो जाता है खतरनाक?
शरीर में कितने साल रहने पर HIV वायरस बन जाता है AIDS, जानें कब हो जाता है खतरनाक?
Embed widget