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Laddakh: लद्दाख को पूर्ण राज्य की मांग पर सियासत शुरू, दो राजनीतिक दलों ने मिलाया हाथ, प्रदर्शन की तैयारी
Laddakh: 5 अगस्त 2019 को लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया गया और एक अलग केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया, लेकिन किसी भी विधायिका का गठन नहीं किया गया था.
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Laddakh: सर्दियों से पहले लद्दाख क्षेत्र में एक बार फिर से सियासत शुरू हो गई है. कारगिल (Kargil) और लेह (Leh) दोनों के राजनीतिक (Political), सामाजिक, धार्मिक (Religious) और व्यावसायिक समूहों ने अपनी मांगों (Demands) को लेकर दबाव बनाने के लिए फिर से हाथ मिलाया है. लद्दाख में दो दोनों सियासी सम्मेलन हुआ, जिसमें लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (KDA) ने अपने संघर्ष को तेज करने का फैसला किया है. इस बैठक में बुधवार (2 नवंबर) से शांतिपूर्ण विरोध का आह्वान किया है.
दरअसल, एलएबी और केडीए दोनों लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा, संवैधानिक सुरक्षा उपायों, अलग लोकसभा और राज्यसभा सीटों और जल्द भर्ती की मांग कर रहे हैं. अलायन्स के अध्यक्ष कमर अली आखून ने कारगिल में बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि अभी तक कोई हड़ताल का आह्वान नहीं किया गया है, लेकिन पूरे केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
13 दिसंबर, 2021 को भी बुलाया गया था बंद
अलायन्स के अध्यक्ष ने कहा कि आईएन कारगिल विरोध जामिया मस्जिद कारगिल और आईएसके चौक से शुरू होगा, जो बुधवार यानि 2 नवंबर दोपहर 1 बजे से लाल चौक कारगिल में संपन्न होगा. उन्होंने आगे बताया कि इस प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. इससे पहले लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने की मांग को लेकर 13 दिसंबर, 2021 को बंद बुलाया गया था. इस दौरान लोगों ने तमाम तरह की दुकानें बंद रखी थी और सड़कों पर सन्नाटा पसर गया था.
5 अगस्त, 2019 को लद्दाख बना केंद्र शासित राज्य
बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया गया और एक अलग केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया, लेकिन किसी भी विधायिका का गठन नहीं किया गया था. राज्यों के नए पुनर्गठन (jammu-kashmir) अधिनियम 2019 के अनुसार, केंद्र शासित राज्य (Union Territory) को केवल एक लोक सभा सीट (Lok Sabha Seat) मिली है. यहां पर कोई भी राज्यसभा सीट (Rajya Sabha Seat) नहीं है. वहीं, लद्दाख ने 31 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश का स्थापना दिवस (Foundation Day) मनाया.
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