हालात नहीं सुधरे तो दिल्ली में सबसे बड़ा संकट पानी का होगा
दिल्ली के लगभग 80 फीसदी इलाके में भूजलस्तर में जबरदस्त गिरावट हो रही है.

नई दिल्ली: दिल्ली में भूजलस्तर लगातार गिरता जा रहा है. हालत यह है कि हर साल भूजलस्तर में गिरावट हो रही है. कई इलाके ऐसे हैं जहां पर हालात चिंताजनक कहे जा सकते हैं. दिल्ली के लगभग 80 फीसदी इलाके में भूजलस्तर में जबरदस्त गिरावट हो रही है.
दिल्ली में जो इलाके ज्यादा चिंताजनक हालत में हैं उनमें साउथ वेस्ट, साउथ ईस्ट, नई दिल्ली, नार्थ ईस्ट, नार्थ वेस्ट, शाहदरा और ईस्ट दिल्ली शामिल है. वहीं पश्चिम दिल्ली, साउथ वेस्ट और नॉर्थ में हालात पहले बताए गए इलाकों की तुलना से थोड़ा बेहतर हैं.
केंद्र सरकार के सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट में भी इस गंभीर समस्या का जिक्र किया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में अधिकतर इलाके ऐसे हैं जहां पर हर साल दशमलव 5 मीटर से लेकर 2 मीटर तक भूजल स्तर में गिरावट हो रही है.
लेकिन आखिर ऐसे हालात क्यों बन रहे हैं और इसका जिम्मेदार कौन है. विशेषज्ञों ने बताया कि देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ सालों के दौरान आबादी में कई गुना बढ़ोतरी हुई है और इसके चलते पानी की मांग बढ़ी है. दिल्ली के पास ज्यादा मात्रा में पानी नहीं है इसलिए मांग पूरी करने के लिए जमीन के नीचे से पानी निकाला गया.
इसके साथ ही देश की राजधानी दिल्ली में पिछले एक से डेढ़ दशक के दौरान बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हुआ है. उस निर्माण कार्य के लिए पानी की जरूरत थी और उसके लिए पानी जमीन के नीचे से निकाला गया. कुछ सालों पहले तक दिल्ली में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से बोरिंग वेल भी लगाए जाते थे. हालांकि फिलहाल इन पर रोक लग चुकी है.
जानकारों की माने तो अभी तक जो आंकड़े सामने आ रहे हैं हालात उससे भी कहीं ज्यादा खराब हैं. उन्होंने बताया कि यह हालत सिर्फ दिल्ली की ही नहीं है बल्कि समूचे एनसीआर की है. दिल्ली जल बोर्ड दावा कर रहा है कि वह इस कोशिश में लगा है कि हालात को सुधारा जा सके. इसको लेकर कई तरह की योजनाओं पर काम चल रहा है और इसी के तहत सरकार रेन वाटर हारवेस्टिंग को बढ़ावा दे रही है.जानकारों के मुताबिक दिल्ली में जो गंभीर हालात बने हुए हैं इससे निपटने का उपाय बहुत मुश्किल नहीं है. बस जरूरत है तो कुछ ठोस कदम उठाने की जिससे कि लगातार बढ़ती समस्या से निजात पाया जा सके. जिसमें रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, पानी की बर्बादी को रोकने जैसे कुछ उपाय शामिल हैं.
फिलहाल देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों के जो हालात हैं वो साफ इशारा कर रहे हैं कि अगर जल्द ही इस ओर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में दिल्ली में पानी संकट सबसे बड़ी समस्या बन जाएगी.
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