NCP प्रमुख शरद पवार बोले- नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को झारखंड ने नकार दिया
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, मोदी को समझना चाहिए कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के बाद अब बीजेपी के हाथ से झारखंड भी निकल चुका है.

मुंबई: झारखंड विधानसभा चुनाव के रुझानों में बीजेपी की हार के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने नरेंद्र मोदी सरकार की असफल नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है. शरद पवार ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को झारखंड ने नकारा है, पांचवा राज्य बीजेपी के हांथ से निकल गया है. बीजेपी कहती थी कि हम कुछ भी करके सत्ता लाएंगे लेकिन झारखंड की जनता ने उन्हें जवाब दिया है.
एनसीपी प्रमुख ने कहा, ''देश को नए रास्ते पर ले जाने का जो सिलसिला शुरु हुआ है, झारखंड भी उसी रास्ते पर आगे बढ़ा हैं. मोदी को समझना चाहिए कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के बाद अब बीजेपी के हाथ से झारखंड भी निकल चुका है. मोदी के भाषण को झारखंड के लोगों ने नापसंद किया है. मोदी को झारखंड की जनता ने सही उत्तर दिया है.'' उन्होंने कहा, ''अर्थव्यवस्था की स्थिति संभालने में यह सरकार असफल हो गई है.''
शरद पवार ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी. पवार ने कहा कि ''पीएम मोदी ने रामलीला मैदान पर जो कहा वो आश्चर्यजनक है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा हम एनआरसी लाने वाले हैं. राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में एनआरसी पर चर्चा की थी. एनआरसी को लेकर सदन में चर्चा हुई थी लेकिन मोदी ने अपने भाषण में कहा कि अभी इसकी चर्चा नही हुई है, जो गलत है.'' पवार ने कहा कि ''गृह मंत्री साफ कह रहे हैं देश में एनआरसी लागू करेंगे. एनआरसी पर प्रधानमंत्री का बयान कन्फ्यूजिंग है.''
एनसीपी सुप्रीमो ने विरोध प्रदर्शन के मुद्दे पर कहा कि एनआरसी पर जिसको विरोध करना है वो शांति से करे, राष्ट्र की संपत्ति को नुकसान ना पहुचाए. गांधी के रास्ते पर चलकर विरोध करे. शरद पवार ने लोगों से अपील की है कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से करें आगजनी ना करें. उन्होंने कहा कि ''सत्ता पर बैठे हुए घटक दलों को शांतिपूर्ण तरीके से कदम बढ़ाना चाहिए. इसके पहले ऐसा कुछ होता है तो सभी दलों को बुलाकर सर्वदलीय बैठक की जाती है. मुझे लगता है कि महाराष्ट्र से लोगों को मैसेज मिल गया है. बहुत से राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है और अब इस गिरावट की शुरुआत हो चुकी है. एनआरसी के मुद्दे पर एकत्र होकर चर्चा करनी चाहिए. सिर्फ कुछ कम्युनिटी पर ध्यान नहीं देना चाहिए. श्रीलंका से आए हुए लोगों पर, नेपाल से आए हुए लोगों पर भी चर्चा होनी चाहिए, सिर्फ मुस्लिम ही भारत में आते हैं यह सत्य नहीं है.''
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