राम रहीम की परोल अर्जी पर बोले खट्टर- अभी कोई फैसला नहीं हुआ, हम किसी को रोक नहीं सकते
रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे राम रहीम ने खेती करने के लिए परोल पर रिहाई मांगी है. जिस बीच खबर आई है कि जिस जमीन पर खेती की बात राम रहीम ने कही है वो जमीन राम रहीम की है ही नहीं. रामरहीम की परोल अर्जी पर हरियाणा के जेल मंत्री कृष्ण पंवार ने कहा कि एसपी जेल ने रामरहीम के अच्छे आचरण की रिपोर्ट दी, परोल देने या न देने का फैसला कमिश्नर करेंगे.

नई दिल्ली: बलात्कारी बाबा गुरमीत राम रहीम ने जेल बाहर आने के लिए परोल मांगी है. डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम ने खेती का हवाला देते हुए परोल की मांग की है. इस पूरे मामले पर हरियाणा से सीएम मनोहर लाल खट्टर का बयान आया है. खट्टर ने कहा है कि परोल लेने की कुछ तय प्रक्रिया होती है और अगर किसी व्यक्ति को परोल लेने का अधिकार है तो वो मांग सकता है, हम किसी को रोक नहीं सकते. अभी राम रहीम की परोल पर कोई फैसला नहीं हुआ है. मामला अभी डीसी लेवल पर है जब हमारे पास आएगा तब देखेंगे. बता दें कि राम रहीम ने खेती के लिए एकदो दिन या एक हफ्ते के लिए नहीं बल्कि 42 दिनों के लिए परोल की अर्जी लगाई है. जिस पर जेल प्रशासन अपनी सहमति दे चुका है.
Haryana CM Manohar Lal Khattar on Ram Rahim: There are certain legal procedures and a person who has the right to seek parole can seek it. We can't stop anyone. As of now, no decision has been taken on Ram Rahim's parole. pic.twitter.com/1yHFoNDaXu
— ANI (@ANI) June 25, 2019
जिस जमीन पर खेती के लिए मांगी परोल वो किसी और की- सूत्र इस बीच खबर है कि जिस सिरसा की जमीन पर खेती करने के लिए राम रहीम ने परोल मांगी है वह जमीन राम रहीम की नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, राजस्व विभाग की तरफ से की गई जांच में सामने आया है कि वह जमीन राम रहीम के नाम पर नहीं है. बल्कि वह एक ट्रस्ट की जमीन है. इतना ही नहीं राम रहीम के खिलाफ बलात्कार और हत्या से अलग दो और मामले अभी विचाराधीन हैं.
राम रहीम की अर्जी पर नरम दिख रही है हरियाणा सरकार राम रहीम की परोल की अर्जी पर जेल प्रशासन पहले ही अपनी सहमति दे चुका है. वहीं इस मामले पर हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री भी राम रहीम के परोल की तरफदारी में जुटे हुए हैं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि हर कैदी को परोल का अधिकार है. यह परोल कानून के अनुसार दी जाती है. यदि गुरमीत राम रहीम को परोल मिलती है तो इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए. वहीं, जेल मंत्री कृष्ण पंवार का कहना है कि एसपी जेल ने बाबा के अच्छे आचरण की रिपोर्ट दी है. जेल मंत्री का दावा है कि कमिश्नर ही आखिरी फैसला लेंगे. कुल मिलाकर हरियाणा सरकार राम रहीम को परोल दिए जाने के हक में दिख रही है.
कांग्रेस भी नहीं कर रही परोल का विरोध दरअसल हरियाणा में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और डेरा सच्चा सौदा एक बड़ा वोट बैंक है. ये बात सिर्फ बीजेपी ही नहीं कांग्रेस भी समझती है, क्योंकि कांग्रेस के नेता भी राम रहीम को छोड़ने का विरोध नहीं कर रहे हैं. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी राम रहीम को परोल देने का विरोध नहीं कर रहे हैं. राम रहीम की पेरोल को लेकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि किसी भी कैदी को पेरोल का अधिकार है. फैंसला अदालत और प्रशासन को करना होता है.
राम रहीम का चुनाव कनेक्शन भी समझिए बता दें कि हरियाणा में चुनावों के वक्त राम रहीम को सजा से पहले नेता वोट के लिए उससे मदद मांगते रहे हैं. साल 2009 के चुनावों में राम रहीम ने राज्य में कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन दिया था. जिसके बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी. सिर्फ हरियाणा में राम रहीम के 25 लाख से ज्यादा भक्त हैं. राम रहीम को मिली सजा के बाद सिरसा और पंचकुला में उसके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था. आज भी राम रहीम के भक्त उसको दोषी मानने से इनकार करते हैं.
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Source: IOCL























