Lockdown: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्बोधन से पहले कांग्रेस ने की आर्थिक पैकेज की मांग, दिए ये सुझाव
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए देश में 21 दिनों का जो संपूर्ण लॉकडाउन लगाया गया था कल उसका आखिरी दिन है. लेकिन कल ही सुबह 10:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि वे लॉकडाउन को बढ़ाने का एलान कर सकते हैं.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है और कल यानि 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को सम्बोधित करने वाले हैं. राज्य सरकारों ने लॉकडाउन को दो हफ़्ते और बढ़ाने की मांग की है लेकिन दूसरी तरफ़ प्रधानमंत्री के सम्बोधन से पहले कांग्रेस ने सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग की है.
कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने कहा, ''जमीनी हकीकत को देखते हुए कि कुछ इकोनॉमिक एक्टिविटी को शुरु करना जरुरी है, खासतौर पर MSME को, क्योंकि भारत की इकोनॉमी दूसरे विकसीत देशों से अलग है. यहां बड़ी संख्या में लोग, जो दिहाड़ीदार हैं, जो हर दिन कमाते खाते हैं, उनको सबसे गहरी चोट पहुंची है और उनके लिए कोई सामाजिक सुरक्षा का घेरा नहीं है, सोशल सिक्योरिटी नहीं है.
आनंद शर्मा ने कहा कि जो प्रोडक्शन लेवल चैलेंजेस हैं, सप्लाई साइड के उनको एड्रेस करने का समय आ गया है. क्योंकि जब फैक्ट्री केअंदर सामान बनेगा नहीं तो वो दुकानों के अंदर कहां से आएगा? इससे एक बहुत बड़ी समस्या सामने आने वाली है जिसे हम देख रहे हैं. उसके साथ ट्रांसपोर्टेशन का, क्योंकि पहले लॉकडाउन में अभी हमने देखा है कि लाखों ट्रक खड़े हैं, जिसमें सामान लदा हुआ है. अब तत्काल उनकी आवाजाही शुरु करनी चाहिए, ताकिआम जरुरत की चीजें लोगों तक पहुंच सकें.
उन्होंने कहा कि जहां तक छोटे उद्योग MSME का प्रश्न है, सरकार को उनकी मदद करनी पड़ेगी. पहले तो इन्हें जीरो इंट्रस्ट पर पैसा देना होगा. ये हमारी मांग है कि उनको दिए गए फाइनेंस पर कोई भी इंट्रस्ट ना हो, ताकि ये अपने कर्मचारी - मजदूरों को जो वहां काम करने वाले लोग हैं, उनको तनख्वाह दे पाएं. अब सरकार ये कहे कि तनख्वाह दे दीजिए और इनके पास पैसा ना हो, तो ये संभव नहीं है. इसके साथ-साथ सरकार MSME के लिए एक फैक्ट्री फंड बनाना चाहिए, ताकि रिटेलर्स के जो बिल हैं उसको 120 दिन के लिए डिस्काउंट दें. ये बहुत जरुरी हो जाता है, जो अप्रूवड रिटेलर को जाता है.
इसके साथ ही कांग्रेस ने यह भी कहा कि जो पीएसयूस हैं, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग और भारत सरकार के जो अनपेड बिल हैं, जिनका भुगतान नहीं हुआ हैं, MSME और उद्योग को वो तुरंत किया जाए. वरना उसके बिना ये संभव नहीं हो पाएगा कि क्रमवार उत्पादन दोबारा शुरु किया जा सके. क्योंकि भारत की जो इकॉनमी है, दृष्टिकोण से वो कहीं भी वो ऑन ऑफ स्वीच पर काम नहीं कर सकती, जब लंबा अंतराल आ जाता है उसमें चुनौतियां आती हैं.
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