'मोदी-शाह की चुप्पी चौंकाने वाली', CJI गवई की ओर जूता फेंकने की कोशिश पर क्या बोले विपक्ष के नेता?
CJI BR Gavai: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जब योग्यता और दृढ़शक्ति से देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचे व्यक्ति को इस तरह से निशाना बनाया जाता है, तो यह परेशान करने वाली बात है.

कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति बीआर गवई की ओर कथित तौर पर जूता उछालने की कोशिश की घटना की निंदा की. विपक्षी दलों ने सोमवार (6 अक्टूबर, 2025) को कहा कि यह न्यायपालिका की गरिमा और संविधान पर हमला है.
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (6 अक्टूबर, 2025) को कार्यवाही के दौरान 71 वर्षीय एक वकील ने न्यायमूर्ति गवई की ओर कथित तौर पर जूता उछालने की कोशिश की. घटना के बाद सीजीआई ने अपना संयम बनाए रखा और अदालत कक्ष में उपस्थित वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने का आग्रह किया.
आरोपी वकील की पहचान बाद में मयूर विहार निवासी राकेश किशोर (71) के रूप में की गई. वह मंच के पास पहुंचा, अपना जूता निकाला और उसे न्यायाधीशों की ओर उछालने का प्रयास किया.
CJI पर हमले की कोशिश की निंदा के लिए कोई शब्द पर्याप्त नहीं- सोनिया गांधी
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट में भारत के माननीय प्रधान न्यायाधीश पर हुए हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं हैं. यह न केवल उनपर (सीजेआई पर), बल्कि हमारे संविधान पर भी हमला है.’ उन्होंने कहा, ‘प्रधान न्यायाधीश गवई बहुत सहृदय हैं, लेकिन राष्ट्र को गहरी पीड़ा और आक्रोश के साथ एकजुट होकर उनके साथ खड़ा होना चाहिए.’
न्यायपालिका की गरिमा पर हमला- मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘आज सुप्रीम कोर्ट में भारत के माननीय प्रधान न्यायाधीश पर हमले का प्रयास शर्मनाक और घृणित है. यह हमारी न्यायपालिका की गरिमा और कानून के शासन पर हमला है.’ उन्होंने कहा, ‘जब योग्यता, ईमानदारी और दृढ़शक्ति के माध्यम से देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचे व्यक्ति को इस तरह से निशाना बनाया जाता है, तो यह एक बहुत परेशान करने वाली बात है. यह उस व्यक्ति को डराने और अपमानित करने के प्रयास को दर्शाता है, जिसने संविधान को बनाए रखने के लिए सामाजिक बाधाओं को तोड़ा है.’
खरगे ने कहा, ‘इस तरह की हरकत से पता चलता है कि पिछले एक दशक में नफरत और कट्टरता ने हमारे समाज को किस तरह से अपनी चपेट में ले लिया है. कांग्रेस की ओर से मैं इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. हमारी न्यायपालिका की सुरक्षा और संरक्षा सर्वोपरि है. न्याय और तर्क को प्रबल होने दें, भय को नहीं.’
राहुल गांधी ने की सीजेआई पर हमले की कोशिश की निंदा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘मुख्य न्यायाधीश पर हमला हमारी न्यायपालिका की गरिमा और संविधान की भावना पर हमला है. हमारे देश में इस तरह की घृणा के लिए कोई जगह नहीं है और ऐसे कृत्य की निंदा होनी चाहिए.’
यह कोशिश हमारे न्यायपालिका और लोकतंत्र के लिए खतरा- प्रियंका गांधी वाड्रा
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीजेआई पर हमले की कोशिश को अत्यंत शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक करार दिया. उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘यह सिर्फ देश के प्रधान न्यायाधीश पर नहीं, बल्कि हमारे संविधान, संपूर्ण न्याय व्यवस्था और कानून के शासन पर हमला है. प्रधान न्यायाधीश ने अपनी मेहनत, लगन और योग्यता के दम पर समाज के सारे बंधनों को तोड़कर सर्वोच्च न्यायिक पद हासिल किया है. उनपर इस तरह का हमला न्यायपालिका और लोकतंत्र - दोनों के लिए घातक है. इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है.’
कपिल सिब्बल ने पीएम मोदी, अमित शाह और कानून मंत्री पर साधा निशाना
राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की चुप्पी आश्चर्यजनक है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ‘सुप्रीम कोर्ट के बार के एक सदस्य के असभ्य व्यवहार की सभी को सार्वजनिक रूप से निंदा करनी चाहिए, क्योंकि यह कोर्ट की गरिमा का अपमान है. प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और कानून मंत्री की चुप्पी आश्चर्यजनक है.’
घटना को हल्के में नहीं लिया जा सकता- सीएम स्टालिन
DMK नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा, ‘माननीय सीजेआई के खिलाफ शर्मनाक कृत्य हुआ है. गवई पर हमला हमारे लोकतंत्र के सर्वोच्च न्यायिक कार्यालय पर हमला है और इसकी कड़ी निंदा होनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि प्रधान न्यायाधीश ने जिस तरह से शालीनता, शांति और उदारता के साथ जवाब दिया, वह संस्था की ताकत को दर्शाता है, लेकिन इससे इस घटना को हल्के में नहीं लिया जा सकता.
स्टालिन ने कहा, ‘हमलावर ने अपने कृत्य का जो कारण बताया, उससे पता चलता है कि हमारे समाज में दमनकारी और वर्ण व्यवस्था वाली मानसिकता अभी भी कितनी गहराई तक व्याप्त है. हमें एक ऐसी संस्कृति का पोषण करना चाहिए, जो हमारी संस्थाओं का सम्मान और सुरक्षा करे और हमारे आचरण में परिपक्वता प्रदर्शित करे.’
ये घृणा की पराकाष्ठा है- संजय सिंह
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘नफरती और संकीर्ण मानसिकता के लोग प्रधान न्यायाधीश के पद पर एक दलित समाज के व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. मोदी राज में नफरतियों का दुस्साहस देखिए कि देश के प्रधान न्यायाधीश पर जूता फेंकने का प्रयास किया गया. ये घृणा की पराकाष्ठा है.’
यह अत्यंत निंदनीय घटना- ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं आज सुप्रीम कोर्ट परिसर में भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई पर हुए हमले की कोशिश की कड़ी निंदा करती हूं. यह एक अत्यंत निंदनीय घटना है और स्पष्ट रूप से भारत के संविधान पर हमला है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से न्यायमूर्ति गवई का सम्मान करती हूं और वर्तमान में बाढ़ग्रस्त उत्तर बंगाल से, जहां मैं दौरा कर रही हूं, उन्हें अपनी शुभकामनाएं भेजती हूं.’
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