इंडिगो संकट के बीच DGCA का एक्शन, लापरवाही उजागर होते ही 4 इंस्पेक्टर किए सस्पेंड
IndiGo Airlines: इंडिगो एयरलाइंस के ऑपरेशन में हाल में आई दिक्कतों पर की गई प्रारंभिक जांच में DGCA ने सख्त कदम उठाते हुए इंडिगो की निगरानी कर रहे चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों को नौकरी से हटा दिया.

IndiGo Airlines: इंडिगो एयरलाइंस के ऑपरेशन से जुड़ी दिक्कतों के मामले में महानिदेशालय नागरिक उड्डयन (DGCA) ने प्रारंभिक जांच में बड़ी कार्रवाई की है. जांच में कुछ इंस्पेक्टरों को दोषी पाए जाने के बाद DGCA ने इंडिगो की निगरानी करने वाले अपने 4 फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों को नौकरी से हटा दिया है.
ये सभी इंस्पेक्टर इंडिगो की उड़ानों की सुरक्षा और संचालन की जांच से जुड़े थे. माना जा रहा है कि जांच और निगरानी में हुई लापरवाही की वजह से DGCA को यह सख्त कदम उठाना पड़ा. जिन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है, वे सभी कॉन्ट्रैक्ट पर DGCA में काम कर रहे थे और इनकी जिम्मेदारी एयरलाइंस खासतौर पर इंडिगो के सुरक्षा एवं ऑपरेशनल ओवरसाइट (Operational Oversight) की थी.
एयरपोर्ट पर अव्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट सख्त
दिल्ली हाईकोर्ट ने इससे पहले फ्लाइट संचालन में रुकावट और एयरपोर्ट पर यात्रियों की दिक्कतों पर केंद्र और DGCA से सख्त सवाल पूछे. अदालत ने पूछा कि ऐसी अचानक स्थिति पैदा ही क्यों हुई और यात्रियों की मदद के लिए क्या कदम उठाए गए? कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों को संभालने और उनकी परेशानी रोकने के लिए सरकार ने क्या इंतज़ाम किए.
हाईकोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ़ यात्रियों की परेशानी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें आर्थिक नुकसान और सिस्टम की नाकामी भी शामिल है. अदालत ने पूछा कि यात्रियों को मुआवजा देने के लिए क्या कार्रवाई की गई और एयरलाइन स्टाफ की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए?
हवाई किराए में अचानक बढ़ोतरी पर कोर्ट की नाराजगी
अदालत ने एयर टिकटों में भारी बढ़ोतरी पर भी गंभीर सवाल उठाए. हाईकोर्ट ने कहा कि जो टिकट पहले ₹5,000 में मिलते थे, वे बढ़कर ₹30,000–35,000 कैसे पहुंच गए? बेंच ने पूछा कि संकट के समय दूसरी एयरलाइंस को इतना लाभ उठाने की अनुमति कैसे मिल गई? इतना ऊंचा किराया चार्ज करना कैसे संभव है?
जवाब में ASG चेतन शर्मा ने बताया कि पूरा कानूनी सिस्टम लागू है और केंद्र लंबे समय से FDTL को लागू करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन एयरलाइन ने जुलाई और नवंबर के फेज के लिए राहत मांगी थी. उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब मंत्रालय ने दखल देकर किराए की लिमिट तय की है, जो अपने आप में सख्त नियामकीय कदम है.
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Source: IOCL
























