INDIA Bloc Rally: 'भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े तो उनके पास सत्ता नहीं थी', प्रियंका गांधी का रामलीला मैदान से केंद्र पर वार
Loktantra Bachao Rally In Delhi: दिल्ली के रामलीला मैदान से इंडिया गठबंधन की लोकतंत्र बचाओ रैली में बोलते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने भगवान राम के जीवन का जिक्र करते हुए मोदी सरकार को घेरा.
Loktantra Bachao Rally: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले केंद्र के खिलाफ 'इंडिया' गठबंधन ने रविवार (31 मार्च) को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली की. इसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भगवान राम के जीवन का जिक्र करते हुए बीजेपी नीत केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े तो उनके पास सत्ता नहीं थी. बता दें कि इंडिया गठबंधन ने इस आयोजन को 'लोकतंत्र बचाओ रैली' नाम दिया.
क्या कुछ बोलीं प्रियंका गांधी वाड्रा?
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ''मुझे इंडिया गठबंधन की ओर से इंडिया गठबंधन की पांच सूत्री मांगें पढ़ने के लिए कहा है. इससे पहले कि मैं ये शुरू करूं, मैं एक छोटी सी बात आपके सामने रखना चाहती हूं. देखिए ये दिल्ली वाले जानते हैं कि ये दिल्ली का सुप्रसिद्ध रामलीला मैदान है. यहां बचपन से मैं आ रही हूं, हर साल दशहरे के दिन यहां इसी मैदान में रावण के पुतले का दहन होता है. मैं छोटी थी तो अपनी दादी जी इंदिरा जी के साथ आती थी, उनके पैरों के पास जमीन पर बैठ के देखती थी. उन्होंने हमारे देश के ये प्राचीन, हजारों वर्ष प्राचीन गाथा, जो रामायण है भगवान रामजी की जीवन गाथा मुझे सुनाई.''
उन्होंने कहा, ''आज जो सत्ता में हैं, वे अपने आपको रामभक्त कहलाते हैं. इसीलिए यहां बैठे हुए मेरे मन में ये बात आई कि उनको इस संदर्भ में कुछ कहना चाहिए. मुझे लगता है कि वे कर्मकांड में उलझ गए हैं. मुझे लगता है कि वे दिखावे में लिप्त हो चुके हैं. इसलिए मैं आज यहां खड़े होकर उन्हें याद दिलाना चाहती हूं कि वो हजारों वर्ष पुरानी गाथा क्या थी और उसका संदेश क्या था?''
'भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े तो...'
प्रियंका गांधी ने कहा, ''भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े तो उनके पास सत्ता नहीं थी. भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े तो उनके पास संसाधन नहीं थे. उनके पास तो रथ भी नहीं था. रथ रावण के पास था. संसाधन रावण के पास थे. सेना रावण के पास थी. सोना रावण के पास था, वो तो सोने की लंका में रहता था. भगवान राम के पास सत्य था, आशा थी, आस्था थी, प्रेम था, परोपकार था, विनय था, धीरज था, साहस था और भगवान राम के पास सत्य था.''
उन्होंने कहा, ''मैं सत्ता में बैठे हुए सरकार के जितने भी सदस्य हैं, अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को याद दिलाना चाहती हूं कि भगनान राम की जीवन गाथा का क्या संदेश था. सत्ता सदैव नहीं रहती, सदैव नहीं रहती सत्ता, सत्ता आती है, जाती है, अहंकार चूर-चूर होता है एक दिन. यही संदेश था भगवान राम का, उनके जीवन का और आज यहां रामलीला मैदान पर खड़े हुए इंडिया गठबंधन की पांच मांगों को पढ़ने से पहले मुझे ये उचित लगा कि मैं ये संदेश एक बार फिर दोहराऊं.''
क्या हैं 'इंडिया' गठबंधन की पांच सूत्रीय मांगें?
प्रियंका गांधी ने मंच से इंडिया गठबंधन की पांच सूत्रीय मांगें भी बताईं. उन्होंने कहा, ''भारत के चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए. दूसरी मांग- चुनाव आयोग को चुनाव में हेराफेरी करने के उद्देश्य से विपक्षी राजनीतिक दलों के खिलाफ इनकम टैक्स, ईडी और सीबीआई द्वारा की जाने वाली बल पूर्वक कार्रवाई को रोकना चाहिए. तीसरी मांग- हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल जी की तत्काल रिहाई की जाए. चौथी मांग- चुनाव के दौरान विपक्ष के राजनीतिक दलों का आर्थिक रूप से गला घोंटने की जबरन कार्रवाई तुरंत बंद होनी चाहिए. पांचवीं मांग- चुनावी बॉन्ड उपयोग करके बीजेपी द्वारा बदले की भावना, जबरन वसूली और धनशोधन के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसाआईटी गठित हो जानी चाहिए.''
प्रियंका गांधी ने यह भी कहा, ''बीजेपी शासन द्वारा पैदा की गई अलोकतांत्रिक बाधाओं के बावजूद इंडिया गठबंधन लड़ने, जीतने और हमारे लोकतंत्र को बचाने के लिए दृढ़ और आश्वस्त है.''