'...संसद का मजाक बनाकर रख दिया', सांसदों के निलंबन पर बोले इमरान प्रतापगढ़ी
संसद सुरक्षा चूक मसले पर गृह मंत्री अमित शाह के सदन में बयान देने की मांग पर मचे हंगामे के बाद से कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के 146 MPs निलंबित हो चुके हैं. इस पर सांसदों ने पैदल मार्च निकाला.

MP Suspension Protest: संसद से विपक्ष के 146 सांसदों के निलंबन मामले पर को लेकर सियासत गरमायी हुई है. निलंबित सांसदों ने गुरुवार (21 दिसंबर) को संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकालकर अपना आक्रोश जताया. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी भी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री कर अपमान करने के मामले को लेकर विपक्ष पर हमलावर है. विपक्ष 22 दिसंबर को देशभर में 'संसद बचाओ, लोकतंत्र बचाओ' का नारा देकर प्रदर्शन करेगा.
ऐसे में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि लोकतंत्र के इतिहास में ऐसे सांसदों को निलंबित किया गया है जिन्होंने कभी हंगामा ही नहीं किया. उन्होंने कहा कि 40 साल के इतिहास में इन सांसदों ने कभी शोर शराबा भी नहीं किया. वह कभी संसद से निलंबित भी नहीं हुए. प्रमोद तिवारी, फारुख अब्दुल्ला, जयराम रमेश सभी भले सांसद हैं उनको भी संसद से सस्पेंड कर दिया गया. यह देश की संसद का मजाक बनाकर रख दिया गया है.
'संसद सुरक्षा चूक पर सिर्फ गृह मंत्री से मांग रहे हैं जवाब'
राज्यसभा सांसद ने कहा कि निलंबित सांसद सिर्फ संसद सुरक्षा में चूक मामले पर सदन में केंद्रीय गृह मंत्री से जवाब देने की मांग कर रहे थे. यह सभी सांसद संसद का विशेष सत्र बुलाकर गृह मंत्री से जवाब देने की मांग नहीं कर रहे थे बल्कि संचालित सत्र के दौरान ही वक्तव्य देने को आवाज उठाई है. लेकिन गृह मंत्री संसद से बाहर मीडिया में जवाब दे सकते हैं लेकिन सदन में आकर जवाब देने का उनके पास वक्त नहीं है.
'महुआ की सदस्यता छीनी, बीजेपी सांसद से पूछताछ तक नहीं'
उन्होंने यह भी कहा कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता सिर्फ पासवर्ड को लेकर रद्द कर दी गई जबकि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों को पास जारी करने वाले बीजेपी सांसद पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उनसे पास जारी करने को लेकर पूछताछ तक नहीं की गई. इस मामले में जांच करने में और कितना वक्त लगेगा.
'146 सांसदों का निलंबन 'लोकतंत्र के अपमान' का बड़ा मुद्दा'
कांग्रेस सांसद इमरान ने कल्याण बनर्जी की उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने के मामले को बड़ा अपमान ना बताते हुए सांसदों के इतनी बड़ी संख्या में निलंबन को 'लोकतंत्र के अपमान' का बड़ा मुद्दा बताया.
'बड़े संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति जाति जोड़कर बात करे'
उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि इतने बड़े संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति जाति को जोड़कर बात कर रहे हैं, यह लोकतंत्र का अपमान है. जनता के साथ जो मजाक किया गया है वो बड़ा अपमान है. लोकतंत्र को बचाने के लिए देशभर में शुक्रवार (22 दिसंबर) को प्रदर्शन किया जाएगा. इस तरह से बीजेपी विपक्ष की आवाज को नहीं दबा सकती. संसद से 146 सदस्यों को सस्पेंड कर दिया, बाकी को भी निलंबित कर दिया जाए. संसद को पूरी तरह से विपक्ष विहीन कर दिया जाए.
उन्होंने यह भी कहा कि इन सब के सस्पेंड के बाद भी हम चुप नहीं बैठेंगे, हम जनता की पंचायत के बीच में जाएंगे.
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