Group Captain Shaliza Dhami: महिला दिवस पर ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी ने रचा इतिहास, बेटी की कामयाबी से खुश हुए मां-बाप
Indian Air Force: ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी का बचपन बड़े अभावों में गुजरा है. सरकारी स्कूल से पढ़कर वह इस मुकाम तक पहुंची हैं.

Uttarakhand News: भारतीय वायुसेना ने ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी को पश्चिमी सेक्टर में अग्रिम लड़ाकू इकाई का कमांडर नियुक्त किया है. वह वायुसेना में लड़ाकू इकाई की पहली महिला कमांडर होंगी. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से ठीक एक दिन पहले ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी को यह बड़ी जिम्मेदारी मिली है. हरकेश धामी और देव कुमारी के लिए यह बेहद खुशी का क्षण रहा है. बेटी की इस कामयाबी से दोनों काफी खुश हैं.
दुनिया के लिए शालिजा भले ही इतिहास रचने वाली भारतीय वायुसेना की वरिष्ठ अधिकारी हों, लेकिन अपने माता-पिता के लिए वह अभी भी उनकी छोटी बेटी हैं, जिन्हें वे प्यार से बब्बल कहते हैं. पिता हरकेश धामी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, "हमें उस पर बहुत गर्व है. मुझे इस समय भावना का वर्णन करने के लिए सही शब्द नहीं मिल रहे हैं."
बेटी की कामयाबी से खुश हैं मां-बाप
उन्होंने कहा, "महिला दिवस के अवसर पर उसे यह जिम्मेदारी मिलने से यह उपलब्धि और खास हो गई है. मुझे उम्मीद है कि वह हजारों अन्य महिलाओं को प्रेरित करेगी." हरकेश ने अपनी बेटी की कामयाबी का श्रेय उसकी मेहनत को दिया. उन्होंने कहा, "हमने उसे कभी भी कुछ भी करने से नहीं रोका और कभी भी उसकी पसंद में हस्तक्षेप नहीं किया. इससे ज्यादा हमारा कोई योगदान नहीं है. यह उसकी पूरी मेहनत और समर्पण है."
सरकारी स्कूल से पढ़ीं हैं शालिजा
शालिजा के पिता ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी को सरकारी स्कूल में ही पढ़ाया. अपने पुराने दिन याद करते हुए उनकी आंखों में आंसू आ गए थे. द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा, "जो बच्चे कान्वेंट स्कूल में पढ़ते थे, उनके माता-पिता उन्हें शानदार कारों में छोड़ने आते थे. उस समय मेरे पास एक साइकिल थी. मैंने तय किया कि मेरे बच्चे उसी स्कूल में पढ़ेंगे जहां मेरे जैसे आम आदमी के बच्चे पढ़ते हैं." उन्होंने आगे कहा, "अगर मैंने उसे किसी कॉन्वेंट में भर्ती करा दिया होता, तो शायद उसमें हीन भावना आ गई होती."
शालिजा का अब तक का सफर
शालिजा धामी ने पीएयू से गवर्नमेंट हाई स्कूल की परीक्षा पास की थी. 12वीं कक्षा के लिए खालसा कॉलेज फॉर वूमेन (केसीडब्ल्यू), घुमार मंडी में प्रवेश लिया और उसी संस्थान से नॉन-मेडिकल विज्ञान विषयों में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. साल 2003 में वह हेलिकॉप्टर पायलट के रूप में वायुसेना में भर्ती हुई थीं और उन्हें 2,800 घंटों से ज्यादा का उड़ान अनुभव है. वह क्वालीफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर भी हैं और पश्चिमी सेक्टर में हेलीकाप्टर यूनिट की फ्लाइट कमांडर रह चुकी हैं. वह वर्तमान में एक अग्रिम कमान मुख्यालय की आपरेशंस ब्रांच में पदस्थ हैं.
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Source: IOCL























