तालिबान के समर्थन में बोले मुनव्वर राणा- यह कहीं से साबित नहीं हुआ है कि तालिबान किसी को मारा है या भगाया
शायर मुनव्वर राणा ने कहा, तालिबान जालिम हैं लेकिन उनपर कभी रूस, अमेरिका हमला करता है. ऐसे हमले जब होते हैं जो लोगों के डर निकल जाता है. तालिबान कहीं समंदर पार से नहीं आए हैं, उन्हीं की पैदावार हैं.
Munawwar Rana Supports Taliban: अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया है. इसे लेकर अब भारत में भी सियासी बयानबाजी शुरू हो गई. भारत के मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने तालिबान का समर्थन करते हुए कहा कि उसके बारे में राय बनाने में जल्दबाजी की जा रही है. राणा ने कहा कि 20 साल में कई देशों की फौजों ने तालिबानियों पर बम बरसाए हैं, आज जो हो रहा है वो बदले की कार्रवाई है. अफगानिस्तान में वही लोग भाग रहे हैं जो अफगान हुकूमत के खास करीबी हैं.
एबीपी न्यूज से खास बातचीत में मुनव्वर राणा ने कहा, ''यह कहीं से साबित नहीं हुआ है कि उन्होंने (तालिबान) किसी को मारा है या भगाया है. जब तख्ते पलटते हैं तो छोटे मोटे पटरे इतर बितर हो जाते हैं. अगर हिंदुस्तान में हुकूमत बदल जाए तो जो इस हुकूमत के जो खास लोग होंगे वो छिप जाएंगे. अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं आयी जिसमें तालिबान ने जोर जुल्म किया हो. यह वही लोग भाग रहे हैं या छिप रहे हैं जो अफगान सरकार के नशे में डूब गए थे. एक आम आदमी जिसका किसी से कुछ लेना देना नहीं है, उसे यह नहीं कह सकते कि उसकी वजह से लोग भाग रहे हैं.''
राणा ने कहा, ''वह उन्हीं का मुल्क हैं, वो बीस साल तक मारे मारे फिरे हैं, अमेरिका ने जितना भी जुल्म किया मरे, झेला. ऐसा कोई खानदान नहीं होगा जिसके दो चार लोग नहीं मरे होंगे. अब वो सत्ता में आ रहे हैं तो वो जश्न मना रहे हैं. अभी ना तो प्रधानमंत्री मोदी इस पर कुछ बोले हैं ना ही विदेश मंत्री, सभी लोग स्थिति का आंकलन कर रहे हैं. सब लोग देख रहे हैं कि इनका रवैया क्या होता है. बीस साल भटकने के बाद यह भी आदमी बन गए होंगे. हालात से बड़ा मरहम कोई नहीं होता. चाहे हम हों, आप हों या तालिबानी हों. वक्त सब सिखा देता है."
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