134 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी का बड़ा एक्शन, एक आरोपी गिरफ्तार
मोहित गोयल पर आरोप है कि वह अवैध खनन से मिले पैसे को संभाल रहा था और इसे अपने बैंक खातों में असुरक्षित ऋण (unsecured loans) के रूप में दिखाकर धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) कर रहा था.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) चंडीगढ़ ने (8 मार्च, 2025) को मोहित गोयल को गिरफ्तार किया है. मोहित गोयल तिरुपति रोडवेज के मालिक गुरप्रीत सिंह सभरवाल का करीबी सहयोगी है. ईडी ने ये कार्रवाई हरियाणा पुलिस की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज एफआईआर संख्या 9/2022 के आधार पर की है, जिसमें 134 करोड़ रुपये के अवैध खनन का आरोप लगाया गया है.
तिरुपति रोडवेज को 2022 में खनन का ठेका मिला
ईडी की जांच में सामने आया कि तिरुपति रोडवेज को 2022 में खनन का ठेका मिला था लेकिन यह कंपनी अवैध रूप से खनन कर रही थी. इस कारण हरियाणा सरकार के भू-विज्ञान और खनन विभाग ने इस पर 2 बार भारी जुर्माना लगाया. जांच में पता चला है कि तिरुपति रोडवेज ने अवैध खनन से 134 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (प्रोसीड ऑफ क्राइम) अर्जित की.
मोहित गोयल की भूमिका
मोहित गोयल पर आरोप है कि वह अवैध खनन से मिले पैसे को संभाल रहा था और इसे अपने बैंक खातों में असुरक्षित ऋण (unsecured loans) के रूप में दिखाकर धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) कर रहा था. इसके अलावा उसने इस अवैध धन से कई कंपनियों में निवेश किया जिन्हें गुरप्रीत सिंह सभरवाल संचालित करता है.
ईडी ने की बड़ी कार्रवाई
ईडी ने 8 मार्च को तिरुपति रोडवेज से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की जिसमें डिजिटल उपकरण और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए. इसके साथ ही 4.39 करोड़ रुपये की बैंक जमा और एफडी को फ्रीज कर दिया गया. इससे पहले भी ईडी ने इस मामले में कई ठिकानों पर छापेमारी कर 2.12 करोड़ रुपये नकद और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए थे.
मोहित गोयल को (8 मार्च, 2025) को पंचकूला की विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 13 मार्च 2025 तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है. मामले की जांच अभी जारी है.
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