बंगाल में बीजेपी को है सौरव गांगुली के राजनीति में कदम रखने का इंतजार, दादा लेंगे अंतिम फैसला
बीसीसीआई अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की हालत में सुधार होने के साथ ही उन्हें कल अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी. वहीं बंगाल की राजनीति में अब बीजेपी को गांगुली का बेसब्री से इंतजार है.

नई दिल्लीः विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की राजनीति में सुगबुगाहट तेज हो गई है. बीजेपी लंबे समय से इंतजार में है कि बीसीसीआई अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली जल्द से जल्द पार्टी ज्वाइन कर लें. वहीं इस पर अंतिम फैसला सोरव गांगुली को ही लेना है. जिस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है.
क्या राजनीति में कदम रखेंगे दादा
क्रिकेट में एक कहावत है 'मैच को लंबा खींचो.' मतलब इंतज़ार करते रहो. वहीं कहा जाता है कि एक बल्लेबाज़ के तौर पर और जब मौका मिले तभी बल्ला घुमाओ. महेंद्र सिंह धोनी इस फार्मूले के मास्टर रह चुके हैं. चैंपियन खिलाड़ियों को सही समय पर बड़े फैसला लेने में महारथ हासिल होती है. फिलहाल क्रिकेट के मैदान पर ऐसा करने के बाद सौरव गांगुली राजनीति के मैदान पर भी सही समय पर अपना कोई निर्णय बता सकते हैं.
देर आये दुरुस्त आए यह लाइन सौरव गांगुली के कैरियर में सच साबित हुई है. 1992 में क्रिकेट कैरियर की शुरुआत में सिर्फ एक वन डे मैच खेलने के बाद टीम से बाहर कर दिए गए थे, लेकिन क्या 1996 में डेब्यू टेस्ट में ही लॉर्ड्स के मैदान पर शतक बनाकर उन्होंने शानदार कमबैक किया था.
दबाव में खेलने की है आदत
दबाव में क्रिकेट खेलना गांगुली के लिए नेचुरल रहा है. पहली सीरीज में अगर उनका बल्ला नहीं चलता तो वह टेस्ट क्रिकेट से भी बाहर हो जाते, लेकिन लॉर्ड्स के बाद नॉटिंघम में भी गांगुली ने शतक बनाया, जिसके बाद वह भारतीय टीम का हिस्सा बन गए.
मैच फिक्सिंग में जब भारतीय टीम के ऊपर से लोगों का विश्वास खत्म हो रहा था. तब बीसीसीआई ने सौरव को भारतीय टीम का ज़िम्मा संभालने की जिम्मेदारी दी और प्रिंस ऑफ कोलकाता ने कमाल कर दिया. वजह थी उनकी लीडरशिप क्वालिटी और टीम मैनेजमेंट. राजनीति में भी ये दो क्वालिटी की ज़रूरत होती है और इसीलिए बीजेपी दादा के इन्तेज़ार में है.
बीजेपी को है गांगुली का इंतजार
क्रिकेट कैरियर को अगर देखा जाए तो दबाव झेलकर सफल होना गांगुली अच्छे से जानते हैं. वहीं इसी बीच ये राजनीति वाला नया समीकरण गांगुली के ऊपर दबाव कितना ज़्यादा बना पाएगा यह देखना होगा. हालांकि लेफ्ट से लेकर टीएमसी और कांग्रेस तक कह रहे हैं की राजनीतिक दवाव अलग है. और ये उनके ऊपर बनाया जा रहा है. इशारा साफतौर से बीजेपी की ओऱ है..
वहीं बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि ये सब बेबुनियाद आरोप है. हालांकि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व सौरव के इंतज़ार में है. अनुराग ठाकुर से लेकर केशव प्रसाद मौर्य और बीजेपी के बड़े नेता वुडलैंड्स अस्पताल पहुंच कर गांगुली से मुलाकात कर चुके हैं.
वहीं आज सौरव गांगुली को अस्पताल से डिस्चार्ज होना था, लेकिन सुबह अचानक उन्होंने खुद ही फैसला किया कि एक दिन और अस्पताल में रहकर ही घर जाएंगे. जिसे सुबह डॉक्टर्स ने कन्फर्म किया है.
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