का सोचत हो, जिंदगी भर जेल में ही रहीं ए, मार के... बेटे असद की मौत के बाद अतीक ने किसे दी थी खुली धमकी?
मनोज रंजन त्रिपाठी ने कहा कि अतीक ने असद को बचाने की बहुत कोशिश की था. वो चाहता था कि असद सरेंडर कर दे, लेकिन उसको मारा न जाए.

का सोचत हो, जिंदगी भर जेल में ही रहीं ए, जोने दिन आए न, वही दिन मार के ढेर न करदीं... ये लफ्ज हैं पूर्व सांसद और कुख्यात माफिया अतीक अहमद के. अपनी मौत से दो दिन पहले और बेटे असद के एनकाउंटर के बाद उसने ये खुली धमकी दी थी. वरिष्ठ पत्रकार और लेखक मनोज रंजन त्रिपाठी ने अतीक अहमद की हत्या से जुड़े कई राज खोले हैं, जिसमें उन्होंने इस बात का जिक्र किया है.
मनोज रंजन त्रिपाठी ने अतीक अहमद पर एक किताब लिखी है, जिसका नाम है- कसारी मसारी. किताब में साबरमती जेल से उत्तर प्रदेश आने और उसकी हत्या तक के 54 दिनों के बारे में बताया गया है कि कैसे उसकी हत्या हुई, किसने प्लानिंग की, किसने मरवाया, कहां से हथियार आए. अतीक का बड़ा बेटा और उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी था. उमेश पाल बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस के गवाह थे, राजू पाल को साल 2005 में दिन दहाड़े गोली मार दी गई थी. उमेश पाल मर्डर के दौरान फायरिंग करते हुए असद अहमद की तस्वीरें सीसीटीवी में कैद हो गईं थीं. राजू पाल मर्डर केस में अतीक और उसका भाई अशरफ अहमद आरोपी थे. उमेश पाल मर्डर केस की प्लानिंग में भी अतीक का नाम आया था.
मनोज रंजन त्रिपाठी बताते हैं कि असद के एनकाउंटर से अतीक अहमद बहुत बौखला गया था और उसने फेस टाइम पर धमकी दी थी. उन्होंने बताया कि पहले उसने बेटे असद अहमद को बचाने की पूरी कोशिश की कि उससे सरेंडर करवा दो, मारना नहीं. ये मसला कुछ बड़ी जगहों पर पहुंचा भी कि सरेंडर करवा देते हैं, बाद में देखा जाएगा, लेकिन नहीं मैसेज देना ज्यादा बड़ी चीज थी.
असद के एनकाउंटर के बाद अतीक ने खुली धमकी दी थी, 'अतीक जिंदा है, जिंदगी भर जेल में नहीं रहेंगे, जिस दिन जेल से छूटकर आएंगे. उस दिन सरकार को भी देख लेंगे और सरकार के बड़े नेताओं को भी देख लेंगे. ये धमकी बाकायदा फेस टाइम पर दी थी उसने. उसकी बात नहीं हुई थी सरकार से, लेकिन उसकी बातें ये रिकॉर्ड की गई थीं.' मनोज रंजन त्रिपाठी ने बताया कि अतीक ने कहा था, 'अतीक आएंगे, सरकारें भी बदलेंगी, लोग भी बदलेंगे और अतीक तब आकर देखेगा. अतीक ने अपनी भाषा में कहा था- का सोचत हो, अतीक जिंदगी भर जेल में ही रहीं ए, जोने दिन आए न अतीक, वही दिन मार के ढेर न करदीं तो नाम अतीक अहमद नहीं, मूछें नहीं, हम कुत्ता के बर्तन में खाना खाब.'
असद अहमद और एक शूटर गुलाम मोहम्मद उमेश पाल हत्याकांड में वांटेड थे. 13 अप्रैल, 2023 को दोनों का झांसी में परीछा डैम के पास एनकाउंटर हुआ था. पुलिस ने बताया था कि दोनों को जिंदा पकड़ने की कोशिश की गई थी, लेकिन उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी और जवाब में पुलिस को गोली चलानी पड़ी. इसके दो दिन बाद 15 अप्रैल, 2023 को अतीक और अशरफ को प्रयागराज में कॉल्विन अस्पताल के पास तीन लड़कों ने गोली मार दी थी. उस वक्त दोनों भाइयों को मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था.
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Source: IOCL