गांव का कोई बच्चा घर में रहकर कर रहा काम, क्या यह भी कहलाएगा चाइल्ड लेबर?
हर साल दुनियाभर में 12 जून को World Day Against Child Labour मनाया जाता है जिसका लक्ष्य चाइल्ड लेबर को खत्म करना है. चलिए, आपको बताते हैं क्या घर पर काम करना भी चाइल्ड लेबर में आता है.

हम बचपन से किताबों में पढ़ते और लोगों से सुनते आ रहे हैं कि बाल श्रम एक अपराध है. लेकिन फिर भी लोगों के सामने ऐसे मामले होते रहते हैं और लोगों का इस ओर ध्यान ही नहीं जाता,क्योंकि आज भी बहुत सारे लोगों को यह भी नहीं पता कि कौन चाइल्ड लेबर अपराध है या नहीं.
भारत जैसे देश में जहां गांव की आबादी का बड़ा हिस्सा खेती-बाड़ी और घरेलू कामकाज पर निर्भर है, वहां यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या घर में काम करने वाला बच्चा भी बाल श्रमिक कहलाता है? कई बार गांवों में बच्चे स्कूल के बाद खेतों में माता-पिता की मदद करते हैं या घरेलू कामों में हाथ बंटाते हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कानून की नजर में चाइल्ड लेबर की परिभाषा क्या है और यह किस हद तक लागू होती है. चलिए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
घर पर काम करना क्या कहलाएगा
घर पर काम करना चाइल्ड लेबर कहलाएगा या नहीं इससे पहले या जानना चाहिए कि आखिर चाइल्ड लेबर कहलाता क्या है. सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अनुसार, अगर किसी बच्चे की उम्र 14 साल से कम की है और ऐसा लगता है कि वह कोई ऐसा काम कर रहा है जो उसकी शिक्षा, मानसिक विकास या स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है तो, यह चाइल्ड लेबर के कैटेगरी में आता है. भारत के बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 के अनुसार, किसी भी 14 साल से कम उम्र के बच्चों को व्यवसायिक काम में लगाना गैर-कानूनी है.
ऐसे मे अगर बच्चा स्कूल भी जाता है और आकर खुद की मर्जी से घर के छोटे मोटे काम में शामिल होता है तो इसको चाइल्ड लेबर की कैटेगरी में नहीं रख सकते हैं. लेकिन अगर बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है और पूरे दिन घर का काम कर रहा है चाहे वह आर्थिक कारण ही क्यों न हो उसे चाइल्ड लेबर के कैटेगरी में शामिल किया जा सकता है.
अब जान लीजिए की विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के बारे में
हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है. इसका लक्ष्य लोगों को चाइल्ड लेबर को लेकर जागरूक करना है, जिससे इस बुराई को खत्म करने के लिए समाज, सरकार और संगठनों को एकजुट किया जा सके. दुनिया के तमाम हिस्सों में ऐसे लाखों बच्चे हैं जिनको शिक्षा से वंचित रखकर काम करने के लिए मजबूर किया जाता है और कम पैसे में उनसे मजदूरों जितना काम करवाया जाता है. भारत में बाल श्रम कानून के तहत 14 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का काम कराना अपराध है.
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Source: IOCL





















