दिल्ली-मुंबई छोड़कर अहमदाबाद क्यों शिफ्ट होते हैं बड़े स्पोर्ट्स इवेंट, बाकी शहरों से अलग क्यों गुजरात का मैनचेस्टर?
दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में बड़े इवेंट से शहर ठप हो जाते हैं लेकिन अहमदाबाद में ट्रैफिक दबाव कम है, स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर क्लस्टर बेस्ड है जो ऐसे इवेंट्स के लिए आदर्श है.

कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 के मेजबानी आधिकारिक रूप से भारत को सौंप दी गई है और होस्ट सिटी के रूप में गुजरात के अहमदाबाद को चुना गया है. यह फैसला ग्लासगो में हुई कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन की 74वीं जनरल असेंबली में लिया गया है. जहां भारत की ओर से पेश किए गए विजन डॉक्यूमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर प्लान और आधुनिक स्पोर्ट्स सिटी के रोडमैप ने 74 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को प्रभावित किया. वहीं दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ते हुए अहमदाबाद का चयन बड़ा सवाल भी खड़ा कर रहा है. आखिर गुजरात का यह शहर बाकी मेट्रो सिटी से इतना अलग क्यों है कि अब सभी बड़े स्पोर्ट्स इवेंट यही शिफ्ट हो रहे हैं. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि क्यों दिल्ली और मुंबई को छोड़कर बड़े स्पोर्ट्स इवेंट्स अहमदाबाद शिफ्ट होते हैं और बाकी शहरों से गुजरात का मैनचेस्टर क्यों अलग है?
अहमदाबाद क्यों बना भारत का नया स्पोर्ट्स हब?
साल 2010 के बाद यह दूसरा मौका है, जब भारत कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करेगा. पिछली बार दिल्ली होस्ट था, लेकिन इस बार अहमदाबाद को चुना गया. क्योंकि पिछले 10 साल में यहां हाईटेक स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ है. गुजरात में सबसे अहम सरदार पटेल स्पोर्ट्स एनक्लेव है, जहां हाईटेक एक्वाटिक्स सेंटर, आधुनिक फुटबॉल स्टेडियम और दो बड़े इंडोर एरेना बनने की तैयारी है. साथ ही लगभग 3000 खिलाड़ियों के रहने वाले गेम्स विलेज का निर्माण भी यहां प्लान किया गया है.
इसके अलावा अहमदाबाद का नाम आते ही सबसे पहले दिमाग में नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम आता है, जिसकी क्षमता 1 लाख से भी ज्यादा दर्शकों की है. इसके अलावा शहर ने कुछ साल में इंटरनेशनल लेवल के कई गेम्स को सफलतापूर्वक आयोजित किया है. जिनमें कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप, एशियन एक्वाटिक्स चैंपियनशिप और एएफसी अंडर 17 एशिया कप क्वालीफायर शामिल था. यही वजह है कि इंटरनेशनल फेडरेशन को भरोसा है कि अहमदाबाद बड़े मल्टी स्पोर्ट इवेंट को बिना किसी रुकावट के संभाल सकता है.
दिल्ली और मुंबई से कैसे आगे निकला अहमदाबाद?
दिल्ली और मुंबई पहले से ही हाई डेंसिटी मेट्रो सिटीज है. वहीं अहमदाबाद में नए स्पोर्ट्स एनक्लेव, बड़े स्टेडियम, नए होटल, बेहतर रोड नेटवर्क और मेट्रो विस्तार के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध है. इसके अलावा गुजरात का रिकॉर्ड बड़े प्रोजेक्ट को सही समय पर पूरा करने, निवेश और इन्फ्रास्ट्रक्चर को तेजी से आकार देना रहा है. साथ ही CGF को भी भरोसा था कि अहमदाबाद समय सीमा में सभी तैयारियां पूरी कर पाएगा. इसके अलावा दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में बड़े इवेंट से शहर ठप हो जाते हैं लेकिन अहमदाबाद में ट्रैफिक दबाव कम है, स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर क्लस्टर बेस्ड है वहीं सब कुछ एक ही स्पोर्ट्स जिले में विकसित किया जा रहा है जो ऐसे इवेंट्स के लिए आदर्श है. जबकि दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में यह तैयारी मुश्किल हो जाती है.
2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का विजन
भारत ने CGF के सामने जो विजन डॉक्यूमेंट रखा है वह पूरी तरह फ्यूचर रेडी और टेक्नोलॉजी ड्रिवन था. इसमें जीरो वेस्ट पॉलिसी, ग्रीन ट्रांसपोर्ट, कार्बन न्यूट्रल आयोजन, डिजिटल इंटीग्रेशन और सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल था. वहीं CGF को भारत की यह योजना पसंद आई थी, क्योंकि दुनिया अब बड़े स्पोर्ट्स इवेंट को सस्टेनेबल मॉडल पर आयोजित करना चाहती है.
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Source: IOCL
























